Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Nov, 2017 05:29 PM
इतिहासकार मार्क अपडीग्रोव की किताब द लास्ट रिपब्लिकंस में अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर मजेदार खुलासे किए गए हैं। किताब के अंशों से मिली जानकारी के मुताबिक जॉर्ज बुश ने नवंबर में होने वाले चुनाव...
वॉशिंगटनः इतिहासकार मार्क अपडीग्रोव की किताब द लास्ट रिपब्लिकंस में अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर मजेदार खुलासे किए गए हैं। किताब के अंशों से मिली जानकारी के मुताबिक जॉर्ज बुश ने नवंबर में होने वाले चुनाव से पहले मई 2016 में अपडीग्रोव को कहा था, मैं ट्रंप को पसंद नहीं करता।
सीनियर बुश ने कहा, मैं उनके बारे में बहुत अधिक नहीं जानता, लेकिन इतना जानता हूं कि वह अंहकारी हैं और मैं उन्हें लेकर बिल्कुल उत्साहित नहीं हूं कि वह हमारे नेता होने जा रहे हैं। जूनियर बुश हालांकि राष्ट्रपति पद की दौड़ में तत्कालीन उम्मीदवार ट्रंप की संभावना को लेकर थोड़े संशय में थे क्योंकि शुरुआत में उनके छोटे भाई जेब उनकी पसंद थे। बहरहाल, जब ट्रंप इस दौड़ में शामिल हुए तो जूनियर बुश की शुरुआती प्रतिक्रिया थी, दिलचस्प, लेकिन वह अधिक समय तक नहीं टिकेंगे।
बुश ने कहा, अगर आप हमारे परिवार को देखें तो विनम्रता हमारी विरासत रही है, इसलिए वे उम्मीद करते हैं लेकिन ट्रंप में हमलोग ऐसा नहीं देखते। ट्रंप ने जब यह कहा था, मैं अपना सलाहकार खुद हूं, तब बुश ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा, वाह, कमाल है। यह शख्स यह भी नहीं समझता कि राष्ट्रपति का काम क्या होता है। किताब का शीर्षक जूनियर बुश की उन चिंताओं से प्रेरित है कि वह आखिरी रिपब्लिकन राष्ट्रपति रहे हैं, इसलिए नहीं क्योंकि हिलेरी चुनाव में सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बनकर उभरीं, बल्कि इसलिए क्योंकि ट्रंप परंपराओं को तोड़ते नजर आते हैं।
किताब द लास्ट रिपब्लिकंस में यह भी रहस्योद्घाटन भी किया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश ने वर्ष 2016 में हुए अमरीकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में हिलेरी क्लिंटन के लिए मतदान किया था और डोनाल्ड ट्रंप को उन्होंने एक अहंकारी शख्स बताया था। उनके पुत्र जॉर्ज डब्ल्यू बुश (जूनियर )ने तो अपना मतपत्र ही खाली छोड़ दिया था। उन्होंने ट्रंप के बारे में कहा था, यह शख्स नहीं जानता कि राष्ट्रपति होने का क्या मतलब है। किताब में बुश घराने के बाद से अब के रिपब्लिकन उत्तराधिकारियों की, राष्ट्रपति का पदभार संभालने के योग्य न होने को लेकर कड़ी आलोचना की गई है।