Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Aug, 2020 09:08 AM
पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण करने से पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में दान करने से पितरों
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Shradh Paksha 2020: पितृ पक्ष में श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण करने से पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में दान करने से पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और पितृदोष से छुटकारा मिलता है। श्राद्ध में गाय, तिल आदि वस्तुएं दान करने से अलग-अलग फल की प्राप्ति होती है। आइए जानें, श्राद्ध में किन वस्तुओं का दान करना चाहिए।
गाय के दान को सभी दानों से उत्तम माना जाता है। श्राद्ध में गाय का दान करने से सुख-शांति और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
श्राद्ध के प्रत्येक कार्य में तिल का महत्व है। जिसके कारण श्राद्ध में तिलों का दान कष्ट और मुश्किलों में रक्षा करता है।
श्राद्ध में गाय का शुद्ध घी बर्तन में रखकर दान करने से परिवार के लिए शुभ होता है।
गेहूं, चावल का दान करना चाहिए। यदि ये अन्न नहीं है तो दूसरा अनाज भी दान किया जा सकता है। संकल्प लेकर दान करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
पितृपक्ष में किसी गरीब को जमीन दान करने से धन और संतान की प्राप्ति होती है। यदि किसी के पास दान करने के लिए भूमि नहीं है तो वह इसके स्थान पर थाली में मिट्टी के कुछ ढेले रखकर पंड़ित को दान कर सकते हैं।
वस्त्रों का दान करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है। धोती और दुपट्टे सहित दो वस्त्रों का दान करना चाहिए। दान करने वाले वस्त्र नए और साफ होने चाहिए।
श्राद्ध में सोने का दान करने से कलह का नाश होता है। सोने का दान करना संभव न हो तो उसके दान के निमित्त यथाशक्ति धन भी दान कर सकते हैं।
पितरों के आशीर्वाद और संतुष्टि के लिए चांदी का दान करना उत्तम माना जाता है।
गुड़ का दान करने से कलह व गरीबी का नाश होता है और धन व सुख की प्राप्ति होती है।
नमक का दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं।
ब्राह्मणों को दान देते समय करें इस मंत्र का उच्चारण
यस्य स्मृत्या च नामोक्त्या तपोयज्ञक्रियादिषु। न्यूनं सम्पूर्णतां याति सद्यो वन्दे तमच्युतम्।।
दान के समय इस मंत्र का उच्चारण कर भगवान विष्णु से श्राद्धकर्म के शुभ फल की प्रार्थना करनी चाहिए।