Edited By ,Updated: 14 Sep, 2016 07:42 AM
बेटियों को शिक्षित करने के लिए जहां एक तरफ सरकार अपनी तरफ से कई प्रयास कर रही है वहीं मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में रहने वाली 7 साल की 'आराध्या' ने कुछ ऐसा किया कि उसने सभी का दिल तो मोह ही लिया
झाबुआ: बेटियों को शिक्षित करने के लिए जहां एक तरफ सरकार अपनी तरफ से कई प्रयास कर रही है वहीं मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में रहने वाली 7 साल की 'आराध्या' ने कुछ ऐसा किया कि उसने सभी का दिल तो मोह ही लिया साथ ही उन लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया जो बेटियों को बोझ समझते हैं। दरअसल नन्ही-सी 'आराध्या' चाहती है कि देश की सभी बेटियों को पढ़ने का मौका मिले, किसी बेटी की पढ़ाई में उसके परिवार की गरीबी अड़चन न बने। 'आराध्या' की उम्र छोटी है लेकिन सोच बहुत बड़ी है।
आराध्या ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने के लिए 2100 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट बनवाया, यह रकम उसको बर्थडे गिफ्ट के तौर पर उसके पापा से मिली थी। कई लोग सोच रहे होंगे कि 2100 रुपए की रकम इतनी बड़ी नहीं है लेकिन आराध्या जैसी छोटी बच्ची का जज्बा बहुत बड़ा है। आराध्या झाबुआ के केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में पढ़ती है। उसके माता-पिता दोनों टीचर हैं। इससे पहले आराध्या की बड़ी बहन भी अपनी पॉकेटमनी प्रधानमंत्री राहत कोष में दे चुकी है। दोनों बेटियों को ये संस्कार माता-पिता से मिले हैं। आराध्य की इस पहल की इन दिनों उसके जिले में काफा तारीफ हो रही है।