मां मांजती है घरों में बर्तन, बेटी ने किया गर्व से सिर ऊंचा

Edited By ,Updated: 12 May, 2016 08:06 PM

he daughter stand proud

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 12वीं की परीक्षा के घोषित परिणामों में एक बार फिर से लड़कियों ने ...

भोपाल: मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 12वीं की परीक्षा के घोषित परिणामों में एक बार फिर से लड़कियों ने बाजी मारी है। इन प्रतिभाशाली छात्राओं में एक ऐसी भी लड़की है जिसने आर्थिक तंगी का सामना करते हुए बिना किसी ट्यूशन के सिर्फ अपनी मेहनत के बल पर मेरिट सूची में स्थान बनाया।

सीहोर की रहने वाली कविता यादव ने बायलॉजी ब्रांच में 500 नंबर में 473 अंक प्राप्त कर मेरिट में जगह बनाई है। 94.6 अंक लाते हुए उसने मेरिट के मुकाबले में कई स्टूडेंट्स को पीछे छोड़ दिया है। कविता के पिता के निधन के बाद मां ने घरों पर बर्तन मांजना शुरू किया।  इस काम के बदले जो रकम कविता की मां को मिलती है, उससे बड़ी ही मुश्किल से घर के खर्चे चल पाते हैं। 
 
विपरीत परिस्थितियों के बाद भी कविता की मां ने उसके सपनों को जिंदा रखा और उसकी पढ़ाई जारी रखी। कविता ने भी अपनी मां की उम्मीदों को नहीं तोड़ा। मां की हिम्मत और अपनी मेहनत के बल पर आज कविता ने अपनी विधवा मां का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है, तथा समाज के लिए एक नई प्रेरणाश्रोत बनी है। कविता ने बिना किसी ट्यूशन या कोचिंग के कविता ने पूरी राज्य के टॉप टेन लिस्ट में अपनी जगह बनाई है।

जब कविता की मां को इस बात की जानकारी दी गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें यकीन था कि उनकी बेटी अच्छे से पास होगी, लेकिन कविता का मेरिट में जगह बनाना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। कविता ने अपनी मेहनत और लगन से एक बात तो स्पष्ट कर दी कि अगर आपके हौसलो मे जान है तो आप बिना ट्यूशन के भी टॉपर बन सकते हैं। 

 

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