Edited By ,Updated: 10 May, 2016 01:08 PM
प्यार कोई सरहद, जात-पात नहीं देखता। प्यार के आगे हर कमी न के बराबर होती है। प्यार अगर सच्चा हो तो लोग साल दो साल नहीं न जाने कितने सालों तक अपने प्यार का इंतजार करते हैं और हर इम्तिहान को पार करने के लिए तैयार रहते हैं।
इंदौर: प्यार कोई सरहद, जात-पात नहीं देखता। प्यार के आगे हर कमी न के बराबर होती है। प्यार अगर सच्चा हो तो लोग साल दो साल नहीं न जाने कितने सालों तक अपने प्यार का इंतजार करते हैं और हर इम्तिहान को पार करने के लिए तैयार रहते हैं। कुछ ऐसी ही लव स्टोरी है गौरव और सविता की। व्हील चेयर पर बैठे दूल्हे और हाथों में वरमाला लिए दुल्हन को देखकर हर कोई बातें बना रहा था लेकिन दोनों ने इसकी परवाह न करते हुए शादी की।
दुल्हन सविता चौबे ने दो साल पहले परिवार, समाज के विरोध और ग्रह नक्षत्रों के दोष को एक तरफ रखते हुए गौरव श्रीवास्तव को व्हील चेयर के साथ ही अपनाया था। इस बेमिसाल जोड़ी के घर गत शनिवार को एक नन्हा मेहमान आया है। उन्हें यह बेटा ‘इक्सी’ तकनीक से हुआ है। नन्हें मेहमान के आने से दोनों परिवार काफी खुश हैं। इक्सी प्रेग्नेंसी की नई मेडिकल तकनीक है।
प्राकृतिक रूप से गर्भाधान नहीं होने पर डॉक्टर इसका उपयोग करते हैं। यह प्रोसेस काफी मंहगी हाेती है। इसका चलन यूएस और यूरोप में काफी ज्यादा है। मनभावन नगर के गौरव श्रीवास्तव और महालक्ष्मी नगर की सविता चौबे की लव स्टोरी एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई थी। मिस्ड से शुरू हुई बातचीत का सिलसिला मुलाकात तक पहुंचा और यह दोस्ती प्यार में बदल गई लेकिन इनके प्यार की राहें आसान नहीं थी। दोनों परिवारों में जाति को लेकर तो झगड़ा था ही साथ ही में मंगल की बाधा भी थी। इसी बीच गौरव एक हादसे का शिकार हो गया और उसका शरीर लकवा मार गया लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। उनके प्यार का 16 साल तक लंबा संघर्ष चला और आखिर में प्यार की जीत हुई।
दोनों ने कोर्ट में 17 फरवरी 2014 को शादी कर ली। परिवार वालों को भी इनके प्यार के आगे झुकना पड़ा और 22 फरवरी को रीति-रिवाज से इनकी शादी की पूरी रस्में निभाई गईं। इस शादी में सविता के माता-पिता शामिल नहीं हुए लेकिन उसका भाई अपनी बहन के साथ खड़ा रहा। गौरव ने बताया कि उसने हादसे के बाद सविता को कहीं ओर शादी कर लेने को कहा लेकिन दोनों को महसूस हुआ कि वह एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते और हर मुश्किल का सामना करने का वादा करते हुए दोनों एक हो गए।
सविता का कहना है कि वह गौरव के साथ काफी खुश है। सविता ने बताया कि जब गौरव का एक्सीडैंट हुआ तो उसके घरवाले उसे यह कह कर गौरव से नहीं मिलने देते थे कि वह मंगलीक है और उसी की वजह से ये सब हुआ लेकिन उसने हार नहीं मानी और रोज गौरव के घर के बाहर बैठ जाती। आखिरकार उसके घरवालों ने उनके प्यार को अपना लिया। गौरव और सविता के घर नन्हा मेहमान घर आने पर दोनों परिवार बहुत खुश हैं।