Edited By ,Updated: 10 Oct, 2016 12:53 PM
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के एक गांव में किसी के भी खुले में शौच करते दिखाई पडऩे पर गांव में जोर-शोर से ढोल बजने लगता है।
बैतूल: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के एक गांव में किसी के भी खुले में शौच करते दिखाई पडऩे पर गांव में जोर-शोर से ढोल बजने लगता है। ये ढोल बजाती है प्रभातपट्टनम ब्लॉक के मासोद गांव के सरपंच भास्कर मगरदे और उनके सहयोगी मनोहर चौहान की टोली। ये टोली पिछले एक सप्ताह से सुबह पांच बजे से गांव में घूम-घूम कर लोगों को जागरुक कर रही है। टोली को अगर कोई भी खुले में शौच के लिए जाते दिखता है, तो ढोल की आवाज खासी तेज हो जाती है। जो लोग नहीं मानते, उन्हें गांव के चौक पर लाकर ग्रामीणों के बीच उन्हें समझाइश दी जाती है।
सरपंच मगरदे ने बताया कि 832 घरों वाले इस गांव की जनंसख्या लगभग तीन हजार 700 है। गांव में 250 परिवार साधन संपन्न होने के बाद भी शौचालय नहीं बनवा रहे थे। समझाइश देने का भी कोई असर नहीं हो रहा था। ढोल बजाने के अभियान से एक सप्ताह में 42 लोगों के यहां शौचालय का काम शुरू हो गया है। बाकी सभी घरों में शौचालय बन जाने तक ये अभियान चलेगा। रोज सुबह पांच से साढ़े सात और शाम छह से रात साढे सात बजे तक ढोल बजाया जाता है। शौचालय के लिए लोगों को जगह उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया है।