Edited By ,Updated: 24 May, 2016 03:28 PM
* कामयाबी और नाकामयाबी दोनों जिंदगी के हिस्से हैं, दोनों ही स्थायी नहीं हैं।
* अगर
* कामयाबी और नाकामयाबी दोनों जिंदगी के हिस्से हैं, दोनों ही स्थायी नहीं हैं।
* अगर आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं तो आप कर सकते हैं। अगर आप सोचते हैं कि आप नहीं कर सकते हैं तो आप नहीं कर सकते हैं और किसी भी तरह से आप सही हैं।
* क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।
* मन की गतिविधियों, होश, श्वास और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है और लगातार तुम्हें बस एक साधन की तरह प्रयोग करके सभी कार्य कर रही है।
* ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, वही सही मायने में देखता है।
* जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।
* ‘आज’ भगवान का दिया हुआ एक उपहार है इसीलिए इसे ‘प्रेजैंट’ कहते हैं।
* मानव विकास के 2 चरण हैं- कुछ होने से कुछ न होना और कुछ न होने से सब कुछ होना। यह ज्ञान दुनिया भर में योगदान और देखभाल ला सकता है।
* कृत्रिम सुख की बजाय ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिए।
* भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मस्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। ईश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है।
* हमेशा ध्यान में रखिए कि आपका सफल होने का संकल्प किसी भी और संकल्प से महत्वपूर्ण है।
* यदि पैसे आपकी आजादी की उम्मीद है तो वह आपको कभी नहीं मिलेगी। एकमात्र वास्तविक सुरक्षा जो किसी इंसान के पास इस दुनिया में होगी वह है ज्ञान, अनुभव और क्षमता का खजाना।