Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Nov, 2020 07:26 AM
कलयुग में हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। यदि सच्चे मन से महाबली पवन पुत्र की आराधना की जाए तो वह अपने भक्त का हर मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। रामभक्त श्री हनुमान जी अपने भक्तों की पीड़ा
Hanuman Ji Ko Prasann Karne Ke Upay: कलयुग में हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। यदि सच्चे मन से महाबली पवन पुत्र की आराधना की जाए तो वह अपने भक्त का हर मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। रामभक्त श्री हनुमान जी अपने भक्तों की पीड़ा हरने वाले तथा श्री रामायण रूपी महामाला के महारत्न के रूप में माने जाते हैं, जिनसे भक्त और सेवक दोनों प्रेरणा ले सकते हैं। वैसे तो हनुमान जी से संबंधित सभी मंत्र, स्तोत्र, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानाष्टक आदि का महत्व है लेकिन इन सभी में हनुमान चालीसा सर्वोपरि है। हनुमान जी आज भी हमारे बीच हैं। कहते हैं कि मानव जाति के इतिहास में हनुमान जी से बढ़ कर कोई भक्त नहीं हुआ। भक्त के रूप में हनुमान जी सर्वश्रेष्ठ हैं। ये हर समय अपने स्वामी श्रीराम जी के कार्य करने को तत्पर रहते हैं। हनुमान जी उन्हीं पर कृपा करते हैं तथा कष्टों का निवारण करते हैं जिनका हृदय शुद्ध हो तथा विचार नेक हों।
एक लाइन के जाप से हनुमान जी देते हैं महावरदान
मनोकामना पूर्ति हेतु जप करना लाभप्रद रहता है : दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
लम्बी बीमारी से शीघ्र उबरने के लिए : नासे रोग हरे सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
इस जाप को हनुमान जी के चित्र के समक्ष करने से तुरन्त लाभ होता है।
भूत प्रेत व ऊपरी बाधा हेतु : भूत पिशाच निकट नहीं आवै। महावीर जब नाम सुनावै।।
इस मंत्र का जप मूंगा से बनी हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष करने से शीघ्र अतिशीघ्र उत्तम फल मिलता है।