विश्वकर्मा पूजन आज: जानिए, देवताओं के इंजीनियर की खास बातें

Edited By ,Updated: 17 Sep, 2016 10:55 AM

lord vishwakarma

धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि प्रत्येक देवी-देवता के लिए कार्य निर्धारित किए गए हैं। वे अपने-अपने कार्य के अनुरूप तीनों लोकों को संचालित करते हैं। भगवान विश्वकर्मा

धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि प्रत्येक देवी-देवता के लिए कार्य निर्धारित किए गए हैं। वे अपने-अपने कार्य के अनुरूप तीनों लोकों को संचालित करते हैं। भगवान विश्वकर्मा को निर्माण व सृजन का देवता कहा गया है। आधुनिक भाषा में कहें तो ये देवताअों के इंजीनियर हैं। कहा जाता है कि देवताअों के लिए भवनों, महलों व रथों आदि का निर्माण विश्वकर्मा द्वारा ही किया जाता था। आज 17 सितंबर को श्री विश्वकर्मा पूजन पर उनसे संबंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानिए-


* वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण की लंका का निर्माण विश्वकर्मा ने किया था। पूर्वकाल में माल्यवान, सुमाली और माली नामक तीन दैत्य थे। उन्होंने विश्वकर्मा के पास जाकर कहा कि वह उनके लिए भी विशाल व भव्य महल का निर्माण करे। उनकी बात सुनकर विश्वकर्मा ने कहा कि दक्षिण समुद्र के किनारे त्रिकूट नामक पर्वत पर इंद्रदेव की आज्ञा से उन्होंने सोने की लंका नगरी का निर्माण किया है। तुम लोग वहां जाकर रहो। उसके बाद लंका पर दैत्यों का आधिपत्य हो गया।

* श्रीराम के आदेशानुसार नल नामक वानर ने समुद्र पर पत्थरों के पुल का निर्माण किया। उसे शिल्पकला का ज्ञान था क्योंकि वह विश्वकर्मा का पुत्र था। 


* भगवान शिव ने जिस रथ पर सवार होकर तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली के नगरों का नाश किया था, उस रथ का निर्माण विश्वकर्मा ने किया था। सोने से निर्मित रथ के दाहिने चक्र में सूर्य और बाएं चक्र में चंद्रमा विराजमान थे। रथ के दाएं चक्र में 12 अौर बाएं चक्र में 16 आरे थे।


* द्वारिका नगरी का निर्माण भी विश्वकर्मा द्वारा किया गया है। यहां की शिल्पकला से विश्वकर्मा की निपुणता का पता चलता है। द्वारिका नगरी की लंबाई-चौड़ाई 48 कोस थी।


* स्कंद पुराण प्रभात खण्ड अौर किंचित पाठ भेद के सभी पुराणों में यह श्लोक मिलता है-


बृहस्पते भगिनी भुवना ब्रह्मवादिनी।

प्रभासस्य तस्य भार्या बसूनामष्टमस्य च।

विश्वकर्मा सुतस्तस्यशिल्पकर्ता प्रजापति:।।16।।


अर्थात- महर्षि अंगिरा के बड़े पुत्र बृहस्पति की बहन भुवना थी। उन्हें ब्रह्मविद्या का ज्ञान था। उनका विवाह अष्टम वसु महर्षि प्रभास से हुआ। उनके यहां शिल्प विद्या के ज्ञाता  विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!