शंख में ये चीज डाल रखें इस दिशा में, होगी धन-धान्य एवं आर्थिक समृद्धि

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 02:34 PM

these benefits are made by the sound of the conch

मंदिर में की जाने वाली आरती हो या कोई भी धार्मिक समारोह, शख की ध्वनि को बजाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ के समस्त कार्य तीन बार शंख बजाने से शुरू किए जाते हैं।

मंदिर में की जाने वाली आरती हो या कोई भी धार्मिक समारोह, शख की ध्वनि को बजाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ के समस्त कार्य तीन बार शंख बजाने से शुरू किए जाते हैं। माना जाता है कि इससे वातावरण में से सभी प्रकार की अशुद्धियां का नाश होता है और हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा का भी अंत होता है। जिससे व्यक्ति को बहुत लाभ मिलते हैं। शंख की ध्वनि से न केवल वातावरण शुद्घ होता है बल्कि देवता भी हमारी ओर आकर्षित होते हैं। इसके अलावा शंख की ध्वनि से पूजा की विविध वस्तुओं में चेतना जागृत होती है, जिससे हमारे द्वारा की गई पूजा सार्थक होती है। 


माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय निकलने वाले चौदह रत्नों में से एक रत्न शंख भी था। धार्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से शंख बहु उपयोगी है। शंख बजाने से कुंभक, रेचक तथा प्राणायाम क्रियाएं एक साथ होती हैं, जिससे स्वास्थ्य सही बना रहता है। यह कैल्शियम कार्बोनेट से बना होता है। यदि शंख में रातभर गंगाजल भरकर प्रातः सेवन किया जाए, तो शरीर में कैल्शियम तत्व की कमी नहीं होती है। आयुर्वेद के अनुसार, शंख की भस्म के औषधीय प्रयोग से हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, मंदाग्नि, मस्तिष्क और स्नायु तंत्र से जुड़े रोगों में लाभ मिलता है। लयबद्ध ढंग से शंख बजाने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है, जिससे शरीर में शुद्ध आक्सीजन का प्रवाह होने से रक्त भी शुद्ध होता है। 

 

कहा जाता है कि दक्षिणवर्ती शंख धन की देवी लक्ष्मी का स्वरूप है, इसलिए धन लाभ और सुख-समृद्धि के लिए घर में उत्तर-पूर्व दिशा में अथवा पूजा घर में इसे रखना चाहिए। प्रतिदिन इसकी धूप दीप दिखाकर पूजा करनी चाहिए। पितृ दोष के असर से बचने के लिए दक्षिणवर्ती शंख में पानी भरकर अमावस्या और शनिवार के दिन दक्षिण दिशा में मुख करते हुए तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होकर शुभ आशीर्वाद देते हैं, जिससे गृह कलह, कार्यों में बाधा, संतानहीनता और धन की कमी जैसी समस्याएं दूर होने लगती हैं। 

 

नवग्रहों की शांति एवं प्रसन्नता के लिए भी शंख को उपयोगी रत्न माना गया है। सूर्य ग्रह की प्रसन्नता के लिए सूर्योदय के समय शंख से सूर्यदेव पर जल अर्पित करना चाहिए। चंद्र ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए शंख में गाय का कच्चा दूध भरकर  सोमवार को भगवान शिव पर चढ़ाना चाहिए। मंगल ग्रह को अपने अनुकूल बनाने के लिए मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करते हुए शंख बजाना आसान और श्रेष्ठ उपाय है।

 

बुध ग्रह की प्रसन्नता के लिए शंख में जल और तुलसी दल लेकर शालिग्राम पर अर्पित करना चाहिए, वहीं गुरु ग्रह को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को दक्षिणवर्ती शंख पर केसर का तिलक लगाकर पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए शंख को श्वेत वस्त्र में लपेट कर पूजा घर में रखना चाहिए। धन-धान्य एवं आर्थिक समृद्धि पाने के लिए शंख में चावल भरकर लाल रंग के वस्त्र में लपेट कर उत्तर दिशा की ओर खुलने वाली तिजोरी अथवा धन रखने वाली अलमारी में रखना चाहिए।

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