प्राकृतिक चिकित्सा: शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है अंकुरित आहार

Edited By ,Updated: 25 Sep, 2015 05:13 PM

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अंकुरित आहार उच्च खाद्य माने जाने वाले पोषक तत्वों का मुख्य स्रोत है। अंकुरित आहार क्षारीय प्रकृति के होते हैं। शरीर में वृद्धि, स्वास्थ्य में सुधार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अंकुरित आहार विशेष रूप से सहायक हैं।

अंकुरित आहार उच्च खाद्य माने जाने वाले पोषक तत्वों का मुख्य स्रोत है। अंकुरित आहार क्षारीय प्रकृति के होते हैं। शरीर में वृद्धि, स्वास्थ्य में सुधार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अंकुरित आहार विशेष रूप से सहायक हैं। आज के व्यस्त जीवन में समय की कमी के कारण फास्ट फूड हमारे जीवन में गहरी पैठ बना चुका है।  

कुछ लोग आधुनिकता के मोह के कारण भी इस ओर खिंचते हैं। बड़े शहरों में इनका प्रयोग ज्यादा होता है। आज की फास्टफूड संस्कृति में किसी को भी ‘लिविंग फूड’ का ख्याल ही नहीं आता। परंतु क्या आप जानते हैं कि इस प्रकार के भोजन में क्षारीय प्रोटीन तथा विटामिन युक्त तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है? देर से पचने वाले ये तत्व आंतों में चिपक जाते हैं और वहीं सड़ते रहते हैं, जिस कारण ज्यादातर रोग जन्म लेते हैं। इसका अर्थ यह हैं कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थ भूख तो मिटाते ही हैं परंतु इससे हमें कोई लाभ नहीं होता।

प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, दोषपूर्ण खान-पान, रहन-सहन तथा सोच-विचार की आदत के कारण ही ज्यादातर रोग जन्म लेते हैं। दोषपूर्ण खान-पान के कारण पेट से संबंधित कई बीमारियां आज आम हो गई हैं। इसके कारण मोटापा, कब्ज, मधुमेह, बवासीर जैसी कई अन्य बीमारियां भी आम होती जा रही हैं। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार भोजन में सभी तत्वों का संतुलन बनाए रखने के लिए अंकुरित आहार का प्रयोग किया जा सकता है। आयुर्वेद में अंकुरित आहार को अमृताहार की संज्ञा दी गई है। दैनिक आहार में अनाज का समावेश किया जाना लाभकारी होता है क्योंकि इससे आहार का पोषण मूल्य बढ़ता है।

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