Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 01:56 PM
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विनम्रता आज उनके भाषण में तो दिखी ही साथ ही वह जब सेंट्रल हॉल में शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे तो अक्सर हाथ जोड़े ही नजर आए।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विनम्रता आज उनके भाषण में तो दिखी ही साथ ही वह जब सेंट्रल हॉल में शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे तो अक्सर हाथ जोड़े ही नजर आए। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि मिट्टी के घर में पला बढ़ा हूं। हमारे देश और हमारे समाज की यही गाथा रही है।
-सेंट्रल हॉल में प्रवेश करते समय वह पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पीछे-पीछे चलते रहे। बिना किसी की तरफ देखते सीधे शपथ ग्रहण समारोह के लिए सजे स्टेज पर पहुंचे।
-शपथ ग्रहण के बाद मुखर्जी ने जैसे ही उनके लिए कुर्सी खाली की कोविंद की विनम्रता यहां भी दिखी और मुखर्जी के कुर्सी पर बैठने के बाद ही वह राष्ट्रपति के लिए निर्धारित सीट पर बैठे।
- कोविंद ने अपना पूरा भाषण हिंदी में पढ़ा और कई जगह लिखे हुए शब्दों का और अच्छा इस्तेमाल करके उन्हें अपने ढंग से पढ़ते रहे।
-शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से आगे हुए।
-कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा अन्य नेताओं का अभिवादन किया।
-कोविंद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ गए और उनका अभिवादन किया।
- वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से भी मिले। साथ ही वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी के सामने खड़े हो गए और अत्यंत विनम्र और झुक कर कुछ देर हाथ जोड़े रहे।
-सेंट्रल हॉल से बाहर जाते समय रास्ते के दोनों तरफ बैठे नेताओं का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए हाथ मिलाते रहे जबकि मुखर्जी हाथ जोड़कर ही आगे बढ़ते गए।
-हॉल के अंत में बैठे सांसदों का उन्होंने हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
-कोविंद के शपथ ग्रहण करते ही हॉल में जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाए गए।