कारगिल विजय दिवस : 18वें साल पर ऐतिहासिक जीत की फिर ताजा हुई यादें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 04:02 PM

18 years of kargil vijay

लद्दाख क्षेत्र के कारगिल जिला में बुधवार को 18वें कारगिल विजय दिवस पर असाधारण वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना से कारगिल की चोटियों को आजाद करवाने वाले भारतीय सेना की बहादुरी के किस्सों की यादें फिर ताजा हुई।

श्रीनगर : लद्दाख क्षेत्र के कारगिल जिला में बुधवार को 18वें कारगिल विजय दिवस पर  असाधारण वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना से कारगिल की चोटियों को आजाद करवाने वाले भारतीय सेना की बहादुरी के किस्सों की यादें फिर ताजा हुई। इसके अलावा कारगिल की जंग देश की सेना के अफसरों और जवानों के अदम्य साहस की दास्तां है। यह स्क्वैड्रन लीडर अजय आहूजा, लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया,  कैप्टेन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट हनीफ उद्दीन, हवलदार अब्दुल करीम, और राइफलमैन संजय कुमार जैसे जाबाज़ सैनिकों के बलिदान की गाथा है।


जानकारी के अनुसार भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ  लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू  के नेतृत्व में रविवार को 1999 के कारगिल युद्ध के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह माने जाने वाला द्रास बुधवार सुबह सेना की बैंड ध्वनि से गूंज उठा। जश्न का हिस्सा बनने के लिए परंपरागत पोशाक पहने स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।


उन्होंने 1999 में शहीद हुए जवानों को सलामी दी। लेफ्टिनेंट जनरल अनबू ने यहां युद्ध स्मारक पर मल्यार्पण किया। इस स्मारक की स्थापना देश रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर भारतीय जवानों की याद में की गई है। इसके साथ ही शहीदों के परिवारों को भी कारगिल विजय दिवस कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। अमर ऑल 1999 में ब्रिगेड कमांडर थे, जिन्होंने घुसपैठियों से द्रास के ऊपरी इलाकों को वापस अपने नियंत्रण में लेने के लिए अंतिम आक्रमण का नेतृत्व किया था।

द्रास में मनाया गया समारोह
कारगिल के द्रास स्थित वार मेमोरियल में आज सुबह हुए मुख्य कार्यक्रम में सेना की उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ  लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित किए। कारगिल में चोटियां फतेह करते हुए प्राणों की आहूति देने वाले सेना के 527 वीरों की बहादुरी की सराहना करने के साथ आर्मी कमांडर ने कहा कि सेना को युद्ध में कंधे से कंधा मिलाकर चले लद्दाख के कारगिल जिले के लोगों पर भी गर्व है। कारगिल के चोटियों पर शहीद हुए जम्मू कश्मीर के 71 सैनिकों में से सबसे अधिक 27 सैनिक लद्दाख क्षेत्र से थे। इनमें लद्दाख स्काउट्स के लेह से 24 व कारगिल के 3 सैनिक शामिल हैं।

 

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