15 बच्चों को बचाने वाले अमृतसर के करनबीर को मिलेगा वीरता पुरस्कार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 12:37 AM

18 years of nazia s gallantry award

जुए और सट्टेबाजी का अवैध धंधा करने वालों को पकडऩे में उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद करने वाली राज्य की 18 वर्षीय नाजिया उन 18 बच्चों में शामिल हैं जिन्हें इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे।

नेशनल डेस्क: अमृतसर के 17 वर्षीय करनबीर सिंह उन 18 बच्चों में शामिल हैं जिन्हें इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे। करनबीर सिंह सिंह (17) को प्रतिष्ठत संजय चोपड़ा अवार्ड दिया जा रहा है।

करनबीर ने पुल तोड़कर नाले में जा गिरी स्कूली बस में फंसे 15 बच्चों की जान बचाई थी। करणबीर खुद भी इसी बस में था और वह घायल हो चुका था लेकिन उसने दूसरे बच्चों को पानी से भरी बस से निकलने में मदद की।

सट्टेबाजी का अवैध धंधे का पर्दाफास करने वाली नाजिया को मिलेगा वीरता पुरस्कार
जुए और सट्टेबाजी का अवैध धंधा करने वालों को पकडऩे में उत्तर प्रदेश पुलिस की मदद करने वाली राज्य की 18 वर्षीय नाजिया उन 18 बच्चों में शामिल हैं जिन्हें इस साल राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिए जाएंगे। धमकियों के बावजूद बदमाशों से संघर्ष करने और दशकों के आतंक एवं शोषण का खात्मा करने वाली नाजिया को सबसे प्रतिष्ठित भारत पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
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प्रधानमंत्री मोदी 24 जनवरी को करेंगे पुर​स्कृत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जनवरी को इन बच्चों को ये पुरस्कार प्रदान करेंगे जिनकी पांच श्रेणियां भारत पुरस्कार, गीता चोपड़ा पुरस्कार, संजय चोपड़ा पुरस्कार, बापू गैधानी पुरस्कार और सामान्य राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन बच्चों के लिए एक स्वागत कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। ये बच्चे इस वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लेंगे। उनमें सात लड़कियां और 11 लड़के शामिल हैं।

14 वर्षीय नेत्रवती एम चव्हाण को मरणोपरांत मिलेगा चोपड़ा पुरस्कार
डूब रहे दो बच्चों की जान बचाने की कोशिश के दौरान अपनी जान गंवा बैठी कर्नाटक की 14 वर्षीय नेत्रवती एम चव्हाण को मरणोपरांत गीता चोपड़ा पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। उसने 16 वर्षीय मुथु को बचा लिया लेकिन 10 वर्षीय गणेश को बचाने के दौरान वह अपनी जान गंवा बैठी।

मिजोरम के 17 वर्षीय एफ लालछंदमा तथा मणिपुर से 15 वर्षीय लौकरापाम राजेश्वरी चानू को भी मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा। 

मेघालय के बेत्शवाजॉन पीनलांग (14) , ओडि़शा की ममता दलाई (7) और केरल के सेब्सटियन विसेंट (13) को बापू गैधानी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पीनलांग ने अपने तीन साल के भाई को जल रहे घर से निकाला था, ममता ने अपने दोस्त को मगरमच्छ के जबड़े से बचाया।

पुरस्कार के चुने गए अन्य बच्चे रायपुर की लक्ष्मी यादव (16), नगालैंड से मानसा एन (13), एन शांगपोन कोनयक (18), योकनी (18), चिंगाई वांगसा (18), गुजरात के समृद्धि सुशील शर्मा (17), मिजोरम से जोनुनलुआंगा (16), उत्तराखंड के पंकज सेमवाल (16), महाराष्ट्र के नदाफ एजाज अब्दुल राउफ (17) और ओडि़शा के पंकज कुमार महंत हैं। 

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