पाक से रिहा भारतीय युवकों के चौंकाने वाले खुलासे, पंजाबी युवकों को लेकर बताई खौफनाक बात

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 12:02 PM

2 punjabi boy trapped in false cases in pakistan s jails got mad

पाकिस्तान  में कराची की लांडी जेल से रिहा हुए 146 मछुआरों ने  चौंकाने वाले खुलासे किए हैं इनमें से एक गुजरात के कौड़ीनाथ के परवीन राठौड़ ने जेल में बंद पंजाबी युवकों को लेकर खौफनाक बात बताई...

कराचीः पाकिस्तान  में कराची की लांडी जेल से रिहा हुए 146 मछुआरों ने  चौंकाने वाले खुलासे किए हैं इनमें से एक गुजरात के कौड़ीनाथ के परवीन राठौड़ ने जेल में बंद पंजाबी युवकों को लेकर खौफनाक बात बताई।  उसने बताया जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीयों में 2 पंजाबी युवक भी शामिल हैं जो बुरी तरह से टार्चर किए जाने की वजह से  अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उनमें से एक तो ब्लड कैंसर से पीड़ित है। परवीन राठौड़ के मुताबिक वह साढ़े 9 माह पाक जेल में बंद रहा है। एक दिन वह जेल में बने अस्पताल से दवाई लेने गया था जहां उसने पंजाब के जतिंदर और योगराज ( 28) नाम के 2 युवकों को देखा था। उसने उन दोनों से बात करने की कोशिश की लेकिन वह बात करने की हालत में नहीं थे। 

अस्पताल के स्टाफ से ही पता चला  कि वे दोनों जासूसी के आरोप में पकड़े गए थे और जतिंदर ब्लड कैंसर पीड़ित है। राठौड़ का कहना है कि युवकों की दिमागी हालत के कारण उनके जिलों का पता नहीं चला पाया। वहीं दोनों को बुरी तरह से टार्चर किया गया था। राठौड़ के मुताबिक उनकी किश्ती में लगे जीपीएस सिस्टम के मुताबिक वह भारतीय जल सीमा में थे लेकिन फिर भी पाक तटरक्षक बल उसे पकड़ ले गए था।

वहीं रिहा हुए अन्य मछुआरों ने बताया कि पाक तट रक्षक बल ने उन्हें भारतीय जल सीमा से ही पकड़ा था, और बुरी तरह से पीटने के बाद उनके मोबाइल और पैसे भी छीन लिए गए। वहीं जेल में अच्छा खाना भी नहीं मिलने की बात कही। सोनारीके रहने वाले भूपत के मुताबिक जेल में अभी भी 250 के करीब भारतीय मछुआरे बंद पड़े हुए हैं। कैदियों को रोजाना जेल में 5 रोटियां खाने को मिलती थीं। समुद्र में पकड़े जाने पर जब भारतीय मछुआरे कहते हैं कि उनके पास पैसे नहीं है तो   तलाशी के बाद पैसे निकलने पर पाकिस्तानी तटरक्षक दल वाले उन्हें बुरी तरह से पीटते हैं। 

 जिला गेरसोमनाथ के शफीक ने बताया कि उनकी बोट का जीपीएस सिस्टम खराब था और वे सोए थे कि पकड़े गए। पाक तटरक्षक दल ने उनके पैसे और मोबाइल छीन कर उनकी पिटाई की। जेल में 3 माह तक उनके घरों से आई चिट्ठियां नहीं दी गईं। उसके छोटा भाई फिरोज (24) अभी भी लांडी जेल में बंद है। जेल में बंद 250 मछुआरों में से 3 को अधरंग हो चुका है। गिरसोमनाथ जिला के गांव वेलन निवासी फिरोज के मुताबिक जेल में खाना अच्छा नहीं था। उन्हें भारतीय तटरक्षकों के सामने ही पाकिस्तानी ले गए थे। उन्होंने भारतीय तटरक्षकों से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन देश की जल सीमा में ही उन्हें मदद नहीं मिली। पाकिस्तान में मछुआरों को सजा तो 3 महीने की होती है लेकिन उन्हें एक साल तक जेलों में ही रखा जाता है। 

 
 

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