Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 03:27 PM
भारत के साथ नई आर्थिक साझेदारी विकसित करने के उद्देश्य से ब्रिटेन सरकार द्वारा पुख्ता नींव रखने के साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों में नए आयाम जुड़े। भारत की आजादी के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां के प्रमुख संस्थानों में जश्न के साथ...
लंदन: भारत के साथ नई आर्थिक साझेदारी विकसित करने के उद्देश्य से ब्रिटेन सरकार द्वारा पुख्ता नींव रखने के साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों में नए आयाम जुड़े। भारत की आजादी के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां के प्रमुख संस्थानों में जश्न के साथ द्विपक्षीय सांस्कृतिक रिश्ते मजबूत हुए। हालांकि इस बीच ब्रिटेन ने दोनों देशों के बीच पेशेवरों और छात्रों की आवाजाही पर कड़ा रुख भी अपनाया। ब्रिटेन के विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच संबंध को ‘जीवित सेतु’ बताया और ब्रिटेन-भारत सांस्कृतिक वर्ष 2017 के दौरान यह संपर्क मजबूत हुआ।
महारानी एलिजबेथ द्वितीय के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स ने राष्ट्रमंडल प्रमुख के तौर पर नवंबर में भारत की अपनी हाई प्रोफाइल यात्रा के दौरान मोदी को औपचारिक निमंत्रण दिया था।अगले साल राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों की बैठक में मोदी के शामिल होने की संभावना के लिए ब्रिटेन की तैयारी के बीच दोनों देशों को बहु प्रत्याशित मुक्त व्यापार समझौते के करीब पहुंचते देखना दिलचस्प होगा। ब्रिटेन के मार्च 2019 तक यूरोपीय संघ से औपचारिक तौर पर अलग होने के बाद ही इस समझौते के होने की संभावना है।
ब्रेक्जिट के बाद आर्थिक साझेदारी के लिए पुख्ता नींव तैयार करने के उद्देश्य से व्यापार पर गठित संयुक्त कार्यकारी समूह की इस वर्ष कुछ बैठकें हुई, लेकिन ब्रिटेन के पेशेवरों और छात्रों की मुक्त आवाजाही पर नरम रुख अपनाने तक इन बैठकों का ठोस नतीजा निकलने की संभावना कम है। हाल ही में प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सरकार ने आव्रजकों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए गैर यूरोपीय संघ के नागरिकों को वीजा देने की अपनी नीति में बदलाव किया। नवंबर से लागू हुई इस नीति से बड़ी संख्या में भारतीय, खासतौर से आईटी पेशेवर प्रभावित होंगे।
ब्रिटेन और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के चुनाव के लिए गतिरोध भी पैदा हुआ लेकिन मतदान के 11वें चरण से जरा पहले ही ब्रिटेन ने अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेकर भारत की जीत का मार्ग प्रशस्त कर दिया। ब्रिटिश मीडिया ने इसे देश के लिए ‘‘अपमानजनक झटका’’ बताया जबकि भारत ने कहा कि इस कांटेदार मुकाबले का असर द्विपक्षीय संबंधों पर नहीं पड़ेगा। इस वर्ष की समाप्ति पर शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मुकदमे ने खबरों में जगह बनाई। माल्या को करीब 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है या नहीं, इस बारे में मुकदमा दिसंबर में पूरा होगा।