Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 03:47 PM
22 साल बाद आखिर भगवान को इंसाफ मिल ही गया और कोर्ट ने उन्हें उनकी जमीन वापिस दिलवा दी।
जयपुर: 22 साल बाद आखिर भगवान को इंसाफ मिल ही गया और कोर्ट ने उन्हें उनकी जमीन वापिस दिलवा दी। राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने कहा कि भगवान नाबालिग होते हैं और उनके नाम की जमीन न तो किसी को बेची जा सकती है और न ही लीज पर दी जा सकती है। राजस्थान के राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी ने लिखित रूप में बयान दिया है जिसमें लिखा कि होटल ट्राइडेंट की लीज रद्द करके जमीन को वापस मंदिर को सौंपा जा रहा है।
सरकार ने कोर्ट के फैसले के बाद बाद आखिर 20 साल बाद माना कि होटल को गवान की जमीन लीज पर देना गलत था। इस फैसले के बाद जयपुर में बने करीब 300 करोड़ के आलिशान फाइव स्टार होटल के अस्तित्व पर ही संकट आ गया है। 20 साल बाद सरकार अब कल्याण मंदिर को जमीन वापिस करेगी। यह जमीन सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत से पहले लीज पर ली गई और फिर ओबेरॉय ग्रुप ने ट्राइडेंट होटल का निर्माण कर लिया गया।
ये है पूरा मामला
महंत मूलचंद ने मंदिर की खसरा नंबर 102, 105, 111 और 115 की कुल 5 बीघा 12 बिस्वा जमीन मंदिर के ठाकुरजी के नाम बताते हुए उसे एक होटल ग्रुप को गलत तरीके से लीज पर दिए जाने की शिकायत की थी। आरोप था कि इस जमीन को 14 फरवरी 1995 में मैसर्स इंडस होटल के नाम पर 20 साल के लिए सरकार ने लीज पर यह कहते हुए दे दिया था कि 14 फरवरी 2015 को यह लीज ख़त्म हो जाएगी और जमीन वापिस मंदिर के पास आ जाएगी लेकिन 24 दिसंबर को तत्कालीन जिला कलेक्टर ने अवैध तरीके से अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर लीज़ को बीस साल तक के लिए आगे और भी बढ़ा दिया। जिसके बाद इसे कोर्ट में चुनौती दी गई। 6 जनवरी को हाईकोर्ट ने लंबित आदेश का 3 महीने में निपटारा करने को कहा और जब इसमें देरी हुई तो अवमानना याचिका दायर की गई, जिस पर सरकार को यह फैसला लेना पड़ा।