Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 01:13 PM
बिहार के विभिन्न जिलों में रविवार को दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान की शुरुआत करते हुए मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। इस 14 हजार किलोमीटर की मानव शृंखला में साढ़े 4 करोड़ लोग शामिल हुए। श्रृंखला में स्कूली बच्चों, युवाओं, महिलाओं और...
पटनाः बिहार के विभिन्न जिलों में रविवार को दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान की शुरुआत करते हुए मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। इस 14 हजार किलोमीटर की मानव शृंखला में साढ़े 4 करोड़ लोग शामिल हुए।
श्रृंखला में स्कूली बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जानकारी के अनुसार, मुख्य कार्यक्रम का आयोजन गांधी मैदान में हुआ। मैदान में लोगों ने एक दूसरे का हाथ थामकर बिहार का नक्शा बनाया। बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में नारे लगाए गए।
मानव श्रृंखला पर सत्तापक्ष और विपक्ष की राय
जहां एक तरफ सत्तापक्ष द्वारा मानव श्रृंखला को सफल बताया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे फ्लॉप बता रहा है। विपक्ष का कहना है मुख्यमंत्री केवल अपना चेहरा चमकाने के लिए यह सब कार्यक्रम का आयोजन कर रहें हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि इस श्रृंखला में आम जनता को कोई योगदान दिखाई नहीं दिया।
वहीं सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि जो लोग सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ शुरु किए गए इस अभियान का विरोध कर रहें हैं वह स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहें हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष को भी इस श्रृंखला में हिस्सा लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विपक्ष में होने के बावजूद भी शराबबंदी के अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था।