आने वाली पीढ़ी नहीं जान पाएगी आपके दादा की बोली', अाधी से ज्यादा भाषाएं हो जाएंगी खत्म

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Aug, 2017 07:36 PM

400 indian languages are risk of dying

अगर आपसे कोई कहे कि आने वाले समय में आपके लोकल एक्सेंट वाली भाषा खत्म हो जाएगी

नई दिल्लीः अगर आपसे कोई कहे कि आने वाले समय में आपके लोकल एक्सेंट वाली भाषा खत्म हो जाएगी। शायद आपको अभी यकीन नहीं आए। लेकिन ये भविष्य की हकीकत है। ये दावा किया है एक सर्वे के माध्यम से। सर्वें में कहा गया है कि अगले 50 सालों में भारत में 1.3 बिलियन लोगों द्वारा बोली जा रहीं भाषाओं में आधे से अधिक भाषाएं लुप्‍त हो जाएंगी। 

ये सर्वे People's Linguistic Survey of India (PSLI) ने किया है। इसमें देश में बोली जाने वाली भाषाओं से संबंधित तथ्‍य सामने रखे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय 780 विभिन्‍न भाषाएं बोलते हैं। 

पीएसएलआई के चेयरमैन जीएन डेवी ने कहा, 'अगले 50 सालों में करीबन 400 भाषाएं लुप्‍त हो सकती हैं। मतलब, उनका वजूद खत्‍म हो जाने की आशंका है'। उन्‍होंने ये भी कहा कि जब कोई भाषा खत्‍म होती है तो उसके साथ कल्‍चर की भी मौत होती है। भारत में पिछले पांच दशकों में 250 भाषाएं समाप्‍त हो चुकी हैं। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्‍यादा खतरा उन भाषाओं को है जो ट्राइबल समुदायों से जुड़ी हैं। उनके बच्‍चे जब स्‍कूल जाते हैं तो उन्‍हें भारत की मान्‍य 22 भाषाओं में से ही किसी एक या दो भाषाओं को पढ़ाया जाता है। एेसे में अपनी लोकल ट्रेडिशनल लैंग्वेज से लगातार दूर होते जाते जा रहे हैं।

एेेसे में उनके आने वाले बच्चों को विरात में वहीं लेंग्वेज मिलती है। जिसका उनके माता-पिता सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। 

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