Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 02:08 PM
नोटबंदी के कारण राजधानी के मुख्य बाजारों का कारोबार भले ही बुरी तरह प्रभावित हुआ हो, लेकिन यहां चलन से बाहर हुए हजार और पांच सौ रुपए के नोट कमीशन में बदलने का धंधा खूब फलफूल रहा है।
नई दिल्ली: नोटबंदी के कारण राजधानी के मुख्य बाजारों का कारोबार भले ही बुरी तरह प्रभावित हुआ हो, लेकिन यहां चलन से बाहर हुए हजार और पांच सौ रुपए के नोट कमीशन में बदलने का धंधा खूब फलफूल रहा है। राजधानी के थोक बाजार चांदनी चौक, फतेहपुरी और सदर बाजार में पुराने और कटे-फटे नोट बदलने वाले दुकानदार 40 से 50 प्रतिशत के कमीशन पर नोट बदलने का काम कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि यह छोटे दुकानदार जाहिरा तौर पर बड़ी रकम की नकदी नहीं बदलते हैं और एक दो नोट ही बदलते हैं, लेकिन किसी संपर्क अथवा बिचौलिए के जरिए पहुंचने पर एक लाख रुपए की पुरानी नकदी पर सौ सौ रपये की शक्ल में 50 हजार रुपए तक मिल सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि यह लोग पहले पुराने नोटों को फाड़ देते हैं और फिर उसे 30 दिसंबर से पहले रिजर्व बैंक में बदलवाकर मुनाफा निकाल लेंगे। उन्होंने बताया कि सिंडीकेट ने कमीशन पर नोट बदलने का अनुपात कुछ इस प्रकार तय किया है कि बड़ी रकम पर टैक्स और 200 फीसद जुर्माना देने के बाद भी उन्हें कुछ फायदा मिल जाएगा। हालांकि सरकार काले धन के खिलाफ जंग में पूरी तरह से मुस्तैद है और रोज नए-नए निर्देश जारी करके अवैध तरीके से कमाए गए ज्यादा से ज्यादा धन को बाहर लाने का पूरा प्रयास कर रही है। खाते में ढाई लाख रुपए तक की छूट और पैन की अनिवार्यताओं के बावजूद लोग कालेधन के खिलाफ जंग में भी कालाधन बनाने के नए-नए उपाय तलाश रहे हैं।
सरकार ने एक सप्ताह बाद भी बैंकों में खत्म नहीं होने वाली कतारों, लोगों के झगड़ालू होते स्वाभाव और काले धन को सफेद करने वाले सिंडिकेटों को रोकने के लिए बंद हो चुकी मुद्रा की अदला-बदली करने वाले लोगों की निशानदेही के लिए अमिट स्याही से निशान लगाने की तरकीब निकाली है। हालांकि सरकार की स्याही लगाने की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजकर संदिग्ध जमाकर्ताओं पर नजर रखने के उपाय के तौर पर अमिट स्याही के इस्तेमाल करने के लिए चुनाव आयोग के नियमों का खयाल जरूर रखने को कहा है। आयोग की घोषणा के अनुसार 19 नवंबर को पांच राज्यों में उपचुनाव होने हैं।