करंसी बैन-छिन गया चैन

Edited By ,Updated: 15 Nov, 2016 10:54 AM

500 note  2000 note  note exchange narendra modi  farmer

सरकार के 500 व 1000 के नोट बैन के फैसले के बाद सभी सैक्टर के साथ कृषि सैक्टर पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है। इतना ही नहीं इस बैन के चलते देशभर के आम लोगों व व्यापारी वर्ग का चैन छिन गया है।

नई दिल्ली: सरकार के 500 व 1000 के नोट बैन के फैसले के बाद सभी सैक्टर के साथ कृषि सैक्टर पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है। इतना ही नहीं इस बैन के चलते देशभर के आम लोगों व व्यापारी वर्ग का चैन छिन गया है।
 

बुवाई सीजन, नकदी से जूझ रहे हैं किसान
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद देश का किसान भारी परेशानी में है। धान की फसल के बाद अब गेहूं की फसल की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है लेकिन नकदी न होने के कारण किसानों को खाद-बीज के लिए आसमान को ताकना पड़ रहा है। देश के किसान धान की ठूंठ (पराली) जलाने के बाद अपना आधा खेत तैयार कर चुके हैं। किसान बैंक की लाइन में खड़े हैं, उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे गेहूं की बुवाई के लिए खाद-बीज की व्यवस्था कर सकें। यह बुवाई का सीजन है और छोटे किसान अपनी पहली फसल को तैयार करने के बाद अगली फसल की तैयारियां करने लगते हैं। वे नकदी और अन्य जरूरतों के लिए मुख्यत: फसल पर ही निर्भर रहते हैं। वे अपनी फसल को बाजार में बेचकर अगले सीजन के लिए खाद-बीज की व्यवस्था करते हैं। 
 

चल रहा है रबी का सीजन
इस समय रबी का सीजन चल रहा है जिसमें किसान गेहूं के अलावा आलू, मटर, सरसों जैसी फसलों की बुवाई करते हैं लेकिन नकदी की समस्या होने के कारण किसानों की फसल पिछड़ रही है। अधिकतर किसानों ने हाल ही में अपना धान बेचा है, लेकिन बैंकों में बहुत भीड़ होने के कारण उन्हें अपना पैसा निकालने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पिछली फसल का पैसा फंसा हुआ है और अगली फसल की बुवाई नहीं हो पा रही है। इस समय उन्हें खेत में होना चाहिए परंतु वे बैंक की लाइन में लगे हैं।

जाब-हरियाणा में स्थिति गंभीर 
धान के बड़े उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा में भी स्थिति इसी तरह की यानी कि गंभीर बनी हुई है। यमुनानगर सिरोही गांव निवासी किसान राजेंद्र मलिक, बिशन सिंह, राजेश कुमार आदि का कहना है कि हमेशा की तरह इस बार भी हमने प्राइवेट ट्रेडर्स को धान बेचा था, वह उधार में बेचा था, यानी जब जरूरत होती है तब उनसे पैसा ले लेते हैं लेकिन अब जरूरत पड़ी तो ट्रेडर्स ने हाथ खड़े कर दिए। यमुनानगर, अंबाला और पंजाब की कुछ मंडियों से भी खबर यही है कि वहां पर व्यापारियों ने फसल उठाने तक से इंकार कर दिया है। सारा पैसा भी वे चैक के माध्यम से दे नहीं सकते और कैश है नहीं, ऐसे में स्थिति नाजुक बनी हुई है।

बैंकों में पैसा डिपॉजिट करवाने से परहेज कर रहे हैं व्यापारी 
बैंकरों ने बताया कि टैक्स पेयर्स व्यापारी और चिंतत आम नागरिक ए.टी.एम. और बाजार में नकदी की कमी और पैसे की आपूर्ति न होने के चलते जहां रोजमर्रा की चीजें खरीदने से परहेज कर रहे हैं, वहीं व्यापारियों ने अपने दैनिक भुगतान रोक लिए हैं। बैंकरों ने बताया, ‘‘500 व 1000 रुपए के नोट बैन होने के बाद जो टैक्स पेयर्स व्यापारी पहले रोजाना सैंकड़ों करोड़ नकद रुपए बैंकों में डिपॉजिट करवाते थे, जबकि आम नागरिक जिनके पास कम मूल्य के नोट होते हैं, भी बैंकों में पैसे डिपॉजिट करवाने से परहेज कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि वे बैंकों में लगी भीड़ के चलते बैंकों में पैसा डिपॉजिट नहीं करवा रहे हैं। वहीं आम नागरिकों का कहना है कि बाजार में 100, 50 व 20 के करंसी नोटों की कमी के चलते वे अपनी कुछ दैनिक चीजों की आपूर्ति के चलते बैंकों में पैसा डिपॉजिट नहीं करवा रहे हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!