Edited By ,Updated: 24 Sep, 2016 03:22 PM
भारत की राजधानी दिल्ली के रहने वाले एक स्टूडेंट ने इतिहास रच डाला है। उसका नाम अब गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हाे गया है।
नई दिल्ली: भारत की राजधानी दिल्ली के रहने वाले एक स्टूडेंट ने इतिहास रच डाला है। उसका नाम अब गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हाे गया है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के स्टूडेंट कुशाग्र तायल ने 56,980 प्लास्टिक के कपों से 22 फीट का पिरामिड बनाया, जिसके बाद उनका नाम गिनीज बुक में दर्ज हुअा है।
कैंटीन में पड़े कप से खुली किस्मत
बचपन से गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराने की इच्छा रखने वाले कुशाग्र को ने अपना सपना पूरा करने के लिए कई रास्ते अपनाए। कभी ड्रम बजाने की सोची तो कभी बैडमिंटन खेलने की लेकिन बात नहीं बनी। अंत में कॉलेज की कैंटीन में पड़े कप ने उन्हें वो रास्ता दिखाया जिसके जरिए उनका सपना साकार हुआ।
आसान नहीं थी राह
हंसराज कॉलेज में इकोनॉमिक्स ऑनर्स सेकेंड ईयर के स्टूडेंट कुशाग्र कहते है कि इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में पिरामिड बनाने की शुरुआत 14 सितंबर हुई जोकि 17 सितंबर को पूरा हुआ। कुशाग्र ने बताया कि इस काम में जहां उनकी टीम व कॉलेज प्राचार्य डॉ. रमा ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया। वही उनके परिवार खासतौर पर पिता प्रदीप तायल का भरपूर सहयोग मिला।