पढऩे की कोई उम्र नहीं, 70 वर्ष के लिच्छी राम व 55 वर्षीय द्रोपदी ने दी 10वीं की परीक्षा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 12:25 AM

70 year old lachhi ram and 55 year old draupadi examined the 10th

पढऩे की कोई उम्र नहीं, पढऩे में कोई शर्म नहीं। यह बात आज स्टेट ओपन बोर्ड की 10वीं की परीक्षा देने आए एक 70 वर्षीय पुरुष तथा एक 55 वर्षीय महिला ने चरितार्थ की। 10वीं तथा 12वीं स्टेट ओपन बोर्ड की परीक्षा केंदाधीक्षक विमला परिहार, सतर्कता पर्यवेक्षक...

अनूपगढ़(चुघ): पढऩे की कोई उम्र नहीं, पढऩे में कोई शर्म नहीं। यह बात  वीरवार को स्टेट ओपन बोर्ड की 10वीं की परीक्षा देने आए एक 70 वर्षीय पुरुष तथा एक 55 वर्षीय महिला ने चरितार्थ की। 

10वीं तथा 12वीं स्टेट ओपन बोर्ड कीपरीक्षा केंद्र अधीक्षक विमला परिहार, सतर्कता पर्यवेक्षक अमनदीप सिंह तथा प्रभारी कंचन छाबड़ा ने बताया कि वीरवार को गांव संगर निवासी लिच्छी राम (70) तथा द्रोपदी देवी (55) ने 10वीं की परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि यह लगातार 2015 से 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं। लिच्छी राम ने बताया कि पढ़े-लिखे लोगों के बात करने के तौर-तरीके को देखते हुए उनमें भी पढऩे की इच्छा पैदा हुई। 

उन्होंने कहा कि 10वीं के बाद भी लगातार पढऩा चाहते हैं। रघुनाथपुरा निवासी द्रोपदी देवी ने बताया कि उनके बड़े पुत्र की इच्छा थी कि उनकी मां 10वीं पास हो। उन्होंने बताया कि उनकी बहू भी शादी के बाद परीक्षा दे रही है। उन्होंने बताया कि वह पढ़ाई का सफर यहीं खत्म नहीं करना चाहती बल्कि आगे भी पढ़ाई जारी रखना चाहती है।

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