हज सब्सिडी: सरकार के फैसले का 80 फीसदी यात्रियों पर नहीं पड़ेगा असर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 12:47 PM

80 percent passengers decisions will not affect of haj subsidy

हज सब्सिडी खत्म किये जाने के बावजूद इस बार 80 फीसदी हज यात्रियों पर कोई खास फर्क नहीं पडऩे वाला है और उनको पिछले साल दी गई राशि के लगभग ही भुगतान करना होगा। इसकी वजह हज यात्रियों को प्रस्थान/आगमन स्थलों (इम्बारकेशन प्वाइंट) का विकल्प दिया जाना है...

नई दिल्ली: हज सब्सिडी खत्म किये जाने के बावजूद इस बार 80 फीसदी हज यात्रियों पर कोई खास फर्क नहीं पडऩे वाला है और उनको पिछले साल दी गई राशि के लगभग ही भुगतान करना होगा। इसकी वजह हज यात्रियों को प्रस्थान/आगमन स्थलों (इम्बारकेशन प्वाइंट) का विकल्प दिया जाना है। जिन हज यात्रियों ने दिल्ली, मुंबई और कोलकता जैसे बड़े शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट का चुनाव किया है, उनके हज के खर्च में मामूली बढोतरी ही होगी। 

हज के लिए जाएंगे सवा लाख यात्री 
भारतीय हज समिति का कहना है कि बड़े शहरों के प्रस्थान/आगमन स्थलों का चुनाव 80 फीसदी से ज्यादा हज यात्रियों ने किया है। इस बार करीब सवा लाख हज यात्री हज समिति के जरिये हज के लिये जाएंगे। हज समिति के सदस्य मोहम्मद इरफान अहमद ने बताया कि छोटे शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट से जाने वालों को ही मुख्य रूप से सब्सिडी मिलती थी। इस बार उनको बड़े शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट का विकल्प दिया गया था और 80 फीसदी हज यात्रियों ने इस विकल्प का चुनाव किया है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि 80 फीसदी हज यात्रियों पर सब्सिडी खत्म होने का कोई खास फर्क नहीं पडऩे वाला है। 

भारतीय हज समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान ने कहा कि सब्सिडी खत्म होने का असर मुख्य रूप से उन हज यात्रियों पर होगा जिन्होंने छोटे शहरों के प्रस्थान/आगमन स्थलों (इम्बारकेशन प्वाइंट) से हज के लिये जाने का विकल्प चुना है। मसलन, अगर बिहार का कोई व्यक्ति गया से जाता है तो उसे हवाई किराये के तौर पर एक लाख 10 हजार रूपये अदा करने होंगे, लेकिन अगर बिहार का ही कोई हज यात्री कोलकाता से जाता है तो उसको करीब 75 हजार रूपये ही देने होंगे। 

सरकार ने किया हज सब्सिडी खत्म करने का ऐलान
बीते 16 जनवरी को अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस साल से हज सब्सिडी खत्म किए जाने की घोषणा की थी। साल 2017 में ग्रीन श्रेणी में प्रत्येक हज यात्री से करीब 2,34,000 रूपये लिए गए थे और अजीजिया श्रेणी में करीब दो लाख रूपये लिए गए थे। गौरतलब है कि ग्रीन श्रेणी के तहत जाने वाले हज यात्री के लिए मुख्य हज स्थल के कुछ सौ मीटर के दायरे में आवास की व्यवस्था की जाती है, जबकि अजीजिया श्रेणी में आवास की व्यवस्था मुख्य हज स्थल से कुछ किलोमीटर दूर की जाती है।

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