लापता विमान का अब तक काेई सुराग नहीं, भारत ने अमरीका से मांगी मदद

Edited By ,Updated: 29 Jul, 2016 06:35 PM

Indian Air Force Antonov AN 32 still missing

चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहे भारतीय वायुसेना के लापता एयरक्राफ्ट एएन-32 को तलाश करते हुए एक हफ्ते से अधिक का समय हाे चुका है।

नई दिल्ली:  रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज राज्यसभा में कहा कि वायुसेना के ए एन-32 विमान के लापता होने के पीछे किसी तरह की साजिश की संभावना बेहद कम है लेकिन इसका अचानक लापता होना रक्षा विशेषज्ञों के लिए अब तक एक पहेली बनी हुई है। उन्होंने कहा कि वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल के जल पोत और टोही विमान तथा नौसेना की पनडुब्बी की मदद से विमान का पता लगाने के युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि समुद्र में 6 हजार फुट नीचे तक सिग्नलों का पता लगाने के लिए सागर निधि पोत को बुलाया गया है और इसके एक अगस्त तक पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा विदेशी एजेन्सियों से भी मदद ली जा रही है। रक्षा मंत्री ने कहा कि तलाशी अभियान टीम को समुद्र में जिन 23 चीजों का पता चला था उनकी जांच में पता चला है कि इनका लापता विमान से संबंध नहीं है। यह विमान लगभग 23 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था और इसके ऊपर घने बादल थे जिससे इसके बारे में सिंगल अप्राचर राडार से जानकारी प्राप्त करना मुश्किल था। 

उन्होंने कहा कि अमरीका के पास इस तरह के उपग्रह हैं जिनसे बादलों के नीचे से भी चित्र लिए जा सकते हैं इसे ध्यान में रखते हुए भारत ने अमरीका से हादसे के समय उसके उपग्रहों से लिए गए चित्रों के आधार पर जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि ए एन-32 विमान वायु सेना के सबसे भरोसेमंद विमानों में से हैं और इन्हें 1984 से 1990 के बीच वायु सेना में शामिल किया गया था। इन विमानों की अब तक केवल दो दुर्घटनाएं हुई हैं। 

पर्रिकर ने कहा कि वायु सेना में किसी भी विमान को पूरी तरह फिट होने के बाद ही उडऩे की इजाजत दी जाती है और अभी वायु सेना में विमानों की दुर्घटना की दर प्रति दस हजार घंटे में .23 प्रतिशत है जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह दर .023 है। उन्होंने कहा कि वायु सेना के विमान हर साल दो लाख 80 हजार घंटे से अधिक की उडान भरते हैं और दुर्घटनाओं की दर को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि वायु सेना में इस साल दुर्घटनाओं की दर अब तक की सबसे कम रही है। रक्षा मंत्री ने कहा कि वह तलाशी अभियान की खुद निगरानी कर रहे हैं और उन्हें उनके मोबाइल पर हर दो तीन घंटे में ताजा जानकारी दी जा रही है। यदि उन्हें किसी भी तरह की कोई जानकारी या मदद लेनी हो तो वे उन्हें अवगत करा सकते हैं। चालक दल के छह सदस्यों सहित 29 लोगों के साथ यह विमान गत 22 जुलाई को चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जाते समय लापता हो गया था।   

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