Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 04:43 PM
दिल्ली हाई कोर्ट ने आप विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना को कानून की नजर में गलत बताया और उनकी याचिका वापस निर्वाचन आयोग के पास भेजी जो इस पर नए सिरे से सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने कहा कि प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन किया गया और आप विधायकों को...
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने आप विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अधिसूचना को कानून की नजर में गलत बताया और उनकी याचिका वापस निर्वाचन आयोग के पास भेजी जो इस पर नए सिरे से सुनवाई करेगा। हाई कोर्ट ने कहा कि प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन किया गया और आप विधायकों को अयोग्य करार देने से पहले उन्हें मौखिक रूप से नहीं सुना गया। कोर्ट के फैसले के बाद आप विधायक अलका लांबा ने कहा कि हम विधायक बने रहेंगे। दिल्ली सरकार को गिराने की साजिश नाकाम हो गई है।
पीठ के फैसला सुनाने के समय बड़ी संख्या में विधायक न्यायालय में मौजूद थे और निर्णय सुनाते ही खुशी से झूम उठे। चुनाव आयोग द्वारा विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद इन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की थी। इसके बाद न्यायालय ने चुनाव आयोग से कहा था कि इस मामले में निर्णय आने तक उपचुनाव कराने की घोषणा नहीं की जाए।
विस सत्र में हिस्सा लेने की मिलेगी मंजूरी
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने आज कहा कि वह लाभ के पद विवाद में फंसे आप के 20 विधायकों को मौजूदा बजट सत्र में हिस्सा लेने की मंजूरी देंगे। उनका यह बयान दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा, मामले में आप के20 विधायकों की अयोग्यता निरस्त करने के फैसले के बाद आया है।
क्या है मामला?
आयोग ने इसी वर्ष 19 जनवरी को संसदीय सचिव को लाभ का पद मानते हुए राष्ट्रपति से आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूर करते हुए विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी। दिल्ली विधानसभा के फरवरी 2015 में हुए चुनाव में आप को 70 में से 67 सीटें मिली थीं। अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 21 विधायकों को मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त किया था। प्रशांत पटेल नाम के वकील ने विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किए जाने के खिलाफ शिकायत की थी। एक विधायक जरनैल सिंह ने पंजाब विधानसभा का चुनाव लडऩे के लिए दिल्ली विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।
अयोग्य ठहराए गए विधायकों पर एक नजरः
- शरद कुमार (नरेला)
- आदर्श शास्त्री (द्वारका)
- प्रवीण कुमार (जंगपुरा)
- शिव चरण गोयल (मोती नगर)
- मदन लाल (कस्तूरबा नगर)
- संजीव झा (बुराड़ी)
- सरिता सिंह (रोहतास नगर)
- राजेश गुप्ता (वजीरपुर)
- नरेश यादव (महरौली)
- राजेश रिषी (जनकपुरी)
- अनिल कुमार वाजपेयी (गांधी नगर)
- अवतार सिंह (कालका जी)
- सोमदत्त (सदर बाजार)
- जरनैल सिंह (तिलकर नगर)
- विजेंदर गर्ग विजय (राजेंद्र नगर)
- कैलाश गहलोत (नजफगढ़)
- अल्का लांबा (चांदनी चौक)
- नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर)
- मनोज कुमार (कोंडली)
- सुखवीर सिंह (मुडका)