257 करोड़ केवल विज्ञापन पर खर्च करेगी केजरीवाल सरकार, पिछली बार से 29% ज्यादा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 05:01 PM

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दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा पेश किया गया चौथ बजट एक बार फिर चर्चा में है। इस बजट में आप सरकार की ओर से कई योजनाओं का ऐलान के अलावा विज्ञापनों पर खर्च पर भी खासा बजट उपलब्ध कराया गया है। विज्ञापनों को लेकर चर्चा व विवादों में रही आम आदमी पार्टी...

नेशनल डेस्क: दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा पेश किया गया चौथा बजट एक बार फिर चर्चा में है। इस बजट में आप सरकार की ओर से कई योजनाओं का ऐलान अलावा विज्ञापनों पर खर्च पर भी खासा धन उपलब्ध कराया गया है। विज्ञापनों को लेकर चर्चा व विवादों में रही आम आदमी पार्टी सरकार ने 2018-19 में सूचना और प्रचार के लिए 257 करोड़ रुपए का बजट तय किया है। हैरत वाली बात यह है कि यह राशि पिछले बजट की तुलना में लगभग 29 फीसदी अधिक है। विज्ञापन के लिए बेजा बजट खर्च करने के सवाल पर अरविंद केजरीवाल सरकार के अक्सर विवादों में घिरी रही है।
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साल 2015 में अपने पहले बजट के दौरान पब्लिसिटी के लिए सरकार ने 520 करोड़ की राशि बजट में शामिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की जमकर आलोचना की थी। हालांकि उस दौरान सरकार ने सफाई देते हुए बताया था कि यह बजट अलग-अलग विभागों के लिए था, जिसे एक साथ जोड़ा गया था। फिलहाल, आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए कुल 53,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने चौथे बजट में पर्यावरण पर खासा ध्यान दिया और इसे ग्रीन बजट भी कहा जा रहा है। बजट में पर्यावरण स्तर को सुधारने के साथ-साथ स्वास्थ्य, परिवहन और शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में और सुधार करने की कोशिश की गई है।

RTI से चौंकाने वाले खुलासे
आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले तीन वर्षो में विज्ञापन में वार्षिक आधार पर औसत 70.5 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो पिछली सरकारों द्वारा प्रिंट, मीडिया और बाहरी विज्ञापन पर किए गए खर्च का चार गुना ज्यादा है। यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत आए जवाब में मिली है। आईएएनएस के द्वारा दाखिल आरटीआई के जवाब में सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने बताया, "मौजूदा सरकार ने फरवरी 2015 में कार्यकाल शुरू करने के बाद उस साल विज्ञापन में 59.9 करोड़ रुपए, अगले वर्ष 66.3 करोड़ रुपए और 31 दिसंबर 2017 तक 85.3 करोड़ रुपए खर्च किए।" आप सरकार द्वारा अप्रैल, 2015 से दिसंबर 2017 तक किया गया औसत खर्च 70.5 करोड़ रुपए है। कांग्रेस ने अपने शासन (2008-2013) तक पांच वर्षो में औसत 17.4 करोड़ रुपए खर्च किए।
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कांग्रेस की तुलना में 300 प्रतिशत अधिक
कांग्रेस सरकार की तुलना में आप सरकार ने विज्ञापनों पर 300 प्रतिशत ज्यादा खर्च कर दिया है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की आप सरकार ने एक वर्ष पूरे होने पर वर्ष 2016 में अपने मीडिया कैंपेन के लिए आवंटित राशि का 86 प्रतिशत खर्च किया। सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर तब आ गई थी, जब तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आप से सरकार के बदले पार्टी का प्रचार करने पर 97 करोड़ रुपए वसूलने के आदेश दिए थे। उपराज्यपाल का यह आदेश द कमेटी ऑन कंटेंट रेगुलेशन ऑफ गर्वमेंट एडवरटाइजिंग (सीसीआरजीए) की रिपोर्ट के आधार पर दिया था। 

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