बाबरी मामला: आडवाणी, जोशी और उमा पर SC में सुनवाई कल तक के लिए टली

Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 11:38 AM

advani joshi and uma on babri case hearing in supreme court today

राम जन्मभूमि और बाबरी को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की पेशकश की है। कोर्ट ने कहा कि ये धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है

नई दिल्ली: राम जन्मभूमि और बाबरी को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता की पेशकश की है। कोर्ट ने कहा कि ये धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है और संवेदनशील मसलों का हल आपसी बातचीत से सुलझाना चाहिए। वहीं बाबरी मामले में लालकृष्ण आडवाणी, जोशी और उमा पर केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई गुरुवार तक के लिए टल गई है। कोर्ट अब ये तय करेगी कि बाबरी विध्वंस मामला में आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी और अन्य के खिलाफ ढांचा ढहाने की आपराधिक साजिश का मुकद्दमा चलेगा या नहीं। इससे पहले कोर्ट ने इसी महीने हुई पिछली सुनवाई में साफ कहा था कि पहली नजर में इन नेताओं को आरोपों से बरी करना ठीक नहीं लगता। यह कुछ अजीब है।

सीबीआई को इस मामले में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ समय पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करनी चाहिए थी। निचली अदालत ने तकनीकी आधार पर इन नेताओं को बरी किया था जिस पर हाइकोर्ट ने मुहर लगाई थी। कोर्ट ने सीबीआई को कहा कि इस मामले में सभी 13 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश की पूरक चार्जशीट दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में दो अलग-अलग अदालतों में चल रही सुनवाई एक जगह ही क्यों न हो?

कोर्ट ने पूछा कि रायबरेली में चल रहे बाबरी मस्जिद से जुड़े दूसरे मामले की सुनवाई को क्यों न लखनऊ ट्रांसफर कर दिया जाए, जहां इसी से जुड़े एक मामले की सुनवाई पहले से ही चल रही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि दोनों मामलों को एक साथ सुना जाना चाहिए। वहीं आडवाणी की ओर से इसका विरोध किया गया और कहा गया कि इस मामले में 183 गवाहों को फिर से बुलाना पड़ेगा जो काफी मुश्किल है। कोर्ट को साजिश के मामले की दोबारा सुनवाई के आदेश नहीं देने चाहिए। वहीं सीबीआई ने कहा कि वह दोनों मामलों का साथ ट्रायल के लिए तैयार है।

गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और भाजपा, विहिप के अन्य नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। खंडपीठ की अगुवाई कर रहे न्यायमूर्ति वी. हाजी महबूब अहमद और सीबीआई ने 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के संबंध में कल्याण सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत 13 से साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के खिलाफ अपीलें दायर की थीं।

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