Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 07:11 PM
पिछले 15 दिनों से लोकसभा में लगातार हंगामा हो रहा है। सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल सकी है। शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने गतिरोध खत्म करने का जिम्मा उठाया है।...
नेशनल डेस्क: पिछले 15 दिनों से लोकसभा में लगातार हंगामा हो रहा है। सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल सकी है। शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने गतिरोध खत्म करने का जिम्मा उठाया है। आडवाणी लोकसभा में वरिष्ठतम सांसदों में से एक है विपक्ष के नेता भी उनका सम्मान करते हैं।
सदन में लगातार हो रहे हंगामे से आडवाणी नाखुश हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी कोशिश में आडवाणी ने गुरुवार को लोकसभा में हंगामा कर रहे टीआरएस सांसद को अपनी सीट पर बुलाया और उनकी समस्या सुनी।
टीआरएस सांसदों की मांग है कि तेलंगाना में भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को 50 फीसद से बढ़ाया जाए, जैसा प्रावधान तमिलनाडु जैसे राज्यों में किया गया है। आडवाणी ने गतिरोध खत्म करने को लेकर स्पीकर सुमित्रा महाजन से भी मुलाकात की। उन्होंने टीआरएस सांसद को बताया कि स्पीकर सदन को चलाने की पूरी कोशिश में जुटी हैं। हालांकि उनकी इस कोशिश के बाद भी शुक्रवार को सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी।
यह पहला मौका नहीं है जब आडवाणी सदन की कार्यवाही न चलने से नाराज हैं। साल 2016 के शीतकालीन सत्र में सदन में हंगामे पर आडवाणी ने अपनी सीट पर खड़े होकर कहा था कि वह संसद सदस्यता से इस्तीफा देने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने सदन न चला पाने पर स्पीकर और संसदीय कार्यमंत्री पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।