Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jan, 2018 05:40 PM
आतंकवाद की पनाहगाह बने पाकिस्तान के दोहरे रवैये के चलते अफगानिस्तान ने उससे दूरी बना ली है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी को ठेंगा दिखाते फोन पर बात करने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि...
काबुलःआतंकवाद की पनाहगाह बने पाकिस्तान की हरकतों से गुस्साए अफगानिस्तान ने उससे दूरी बना ली है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी को ठेंगा दिखाते फोन पर बात करने से साफ इंकार कर दिया। हालांकि उन्होंने आतंकियों की पनाहगाह को नष्ट करने की जरूरत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तार से चर्चा की।
गनी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे फोन कर मानवता के दुश्मनों द्वारा हाल में की गई निर्दोष नागरिकों की हत्याओं पर अपनी संवेदना व्यक्त की।' उधर, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अब्बासी ने भी गनी को फोन किया था पर अफगान राष्ट्रपति ने उनसे बात करने से साफ मना कर दिया। अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने (पीएम मोदी ने) 'हमारे पड़ोस' में आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने की जरूरत पर चर्चा की। गनी का सीधेतौर पर निशाना पाकिस्तान की ओर था। उन्होंने बताया कि भारत हमेशा से अफगानिस्तान के लोगों का सच्चा मित्र रहा है। वह हमारे दुख, दर्द को साझा करता आया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक पीएम ने अफगानिस्तान में हाल में हुए हमले को लेकर गनी को फोन किया था। गौरतलब है कि गनी ने काबुल में हाल में हुए हमलों से जुड़े सबूतों को सौंपने के लिए अपना एक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद भेजा है। ये सबूत पाकिस्तान की सेना के साथ भी साझा किए जाएंगे। अफगानिस्तान का आरोप है कि इस्लामाबाद आतंकी संगठनों को समर्थन देता है, जो देश में निर्दोष नागरिकों का कत्लेआम करते हैं। एक दिन पहले ही अफगानिस्तान के राजनयिक ने काबुल होटल पर हुए हमले में पाक खुफिया एजेंसी (ISI) के कनेक्शन का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि ISI ने हमले में शामिल एक हमलावर को प्रशिक्षित किया था।