Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jul, 2017 08:21 PM
डाक्टरों के एक दल ने यहां 2 चरण की जटिल सर्जरी के जरिये 16 वर्षीय बालक के चेहरे से करीब 450 ग्राम वजनी गांठें निकालकर उसे नया जीवन दिया है।
इंदौर: डाक्टरों के एक दल ने यहां 2 चरण की जटिल सर्जरी के जरिये 16 वर्षीय बालक के चेहरे से करीब 450 ग्राम वजनी गांठें निकालकर उसे नया जीवन दिया है। दल के अगुवा डा. अश्विनी दाश ने बताया कि एक आनुवांशिक विकार के चलते बिहार के नवादा जिले के मिथुन चौहान (16) के पूरे शरीर पर जन्म से गांठें थीं। इन गांठों को मेडिकल जुबान में ‘न्यूरोफाइब्रोमेटोसिस ट्यूमर’ कहा जाता है। इनमें से कुछ गांठें उसकी आंखों, मुंह और नाक के पास फैलकर इतनी बड़ी हो गई थींकि मिथुन को बोलने, भोजन करने, सांस लेने और देखने में खासी दिक्कत हो रही थी।
दाश ने बताया कि ये गांठें निकालने के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में मिथुन की पहली सर्जरी फरवरी में की गई। कोई साढ़े 4 घंटे के इस ऑपरेशन में उसके चेहरे से वे 5 गांठें निकाली गई जो उसकी जान के लिए खतरा बनी हुई थीं। मार्च में करीब 2 घंटे की दूसरी सर्जरी में बालक के चेहरे से 7 गांठें निकाली गई। 2 चरण की सर्जरी के दौरान निकाली गई इन 12 गांठों का कुल वजन करीब 450 ग्राम था।
उन्होंने बताया कि सर्जरी से पहले बड़ी गांठों के चलते मिथुन का चेहरा भयावह दिखाई देता था। लोग उसे राक्षस कहकर चिढ़ाते थे लेकिन सर्जरी और इसके बाद से जारी इलाज के बाद उसके चेहरे की भयावहता काफी हद तक कम हुई है और उसकी जान पर मंडरा रहा खतरा टल गया है।