Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 07:39 PM
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन को लेकर वन मंत्री सी. श्रीनिवासन ने बड़ा खुलासा किया है
मदुरै: तमिलनाडु के वरिष्ठ मंत्री और अन्नाद्रमुक नेता ङ्क्षडडीगुल श्रीनिवासन ने दावा किया है कि शशिकला के डर से पार्टी नेताओं ने पिछले वर्ष जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोला ताकि लोगों को यह विश्वास रहे कि उनकी हालत सुधर रही है। उन्होंने कहा कि किसी को भी दिवंगत मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। जो भी वहां आते शशिकला के रिश्तेदार उन्हें यह बताते कि जयललिता ठीक है। जयललिता को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 22 सितम्बर, 2016 को भर्ती कराया गया था। संक्रमण और अन्य बीमारियों के लम्बे इलाज के बाद गत 5 दिसम्बर को जयललिता की दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई थी।
पार्टी के सभी लोगों ने बोला झूठ
मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने जयललिता की मृत्यु की जांच के लिए एक आयोग की हाल में घोषणा की थी। श्रीनिवासन ने कहा कि मैं आपसे माफी मांगता हूं। कृपया मुझे माफ कर दीजिये। हमने यह झूठ बोला कि अम्मा सांबर, चटनी खा रही है, चाय पी रही है। यह झूठ इसलिए बोला ताकि आप इस विश्वास में रहे कि उनकी हालत सुधर रही है। असल में किसी ने भी अम्मा को इडली खाते हुए या चाय पीते हुए नहीं देखा यह सब झूठ है। उन्होंने दावा किया कि इसी तरह कुछ नेताओं के अस्पताल में जयललिता से मिलने की खबरें और उनके बयान कि उनकी (जयललिता) हालत सुधर रही है, गलत थे।
शशिकला के डर से बोला झूठ
श्रीनिवासन ने कहा कि हम एक समय शशिकला से भयभीत थे और हमने जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोला। उन्होंने कहा कि शशिकला को परिस्थितियों की अनिवार्यता के कारण अंतरिम महासचिव चुना गया था। पार्टी की हाल में हुई महा परिषद की बैठक में शशिकला की अंतरिम महासचिव के रूप में नियुक्ति को रद्द कर दिया गया और उनके सभी निर्णयों को अवैध ठहराया गया।