Edited By ,Updated: 28 Jan, 2017 08:09 PM
महाराष्ट्र के 2014 के राज्य विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीतकर अपनी सफलता से उत्साहित आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लीमीन
मुंबई: महाराष्ट्र के 2014 के राज्य विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीतकर अपनी सफलता से उत्साहित आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लीमीन एआईएमआईएम के आगामी बीएमसी चुनाव में मजबूत पैठ बनाने के प्रयास से मुस्लिम वोटों के और बंटने की आशंका बढ़ गई है। मुंबई कांग्रेस की अल्पसंख्यक इकाई के पूर्व प्रमुख निजामुद्दीन रयीन ने हाल में पूर्वाग्रहों का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा, मुस्लिम नेता स्वयं बंटे हुए हैं और अनिश्चित हैं। इसलिए उनसे यह उम्मीद करना कि वे समुदाय के लिए कुछ करेंगे यह स्वयं को धोखा देने जैसा है ।
उन्होंने कहा, एक मुस्लिम नेता एक पार्षद, सांसद या विधायक हो सकता लेकिन वह जननेता कभी नहीं हो सकता। बृहन्मुंबई महानगरपालिका बीएमसी में कुल 227 पार्षद हैं जिसमें से 21 मुस्लिम पार्षद हैं जिसमें से 10 कांग्रेस, पांच सपा और दो राकांपा के हैं। वहीं तीन निर्दलीय एवं एक अन्य पार्टी का है। उल्लेखनीय है कि सत्ताधारी भाजपा या शिवसेना में कोई मुस्लिम पार्षद नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार इम्तियाज मंजूर अहमद ने कहा कि अगले महीने के चुनाव में उलझन की स्थिति है ।
अहमद ने कहा, मुस्लिम मतदाता कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच पहले से ही बंटे हुए हैं और चीजों को और जटिल बनाने के लिए एक और पार्टी हैदराबाद आधारित एआईएमआईएम आ गई है। मतदाता और अधिक उलझ गए हैं और इससे वोटों का और बंटवारा होगा। इससे राज्य की राजनीति में कम नेताओं को प्रतिनिधित्व मिलेगा ।