तीन तलाक को लेकर मुस्लिम बोर्ड ने SC में दायर किया नया हलफनामा

Edited By ,Updated: 22 May, 2017 06:24 PM

aimplb gives new affidavit in court on three divorces

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर किया है।

नई दिल्ली: आल इंडिया मस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि वह काजियों को मशविरों जारी करेगा कि वे काजियों से कहेगा कि वो दूल्हों को तीन तलाक का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दें। बोर्ड ने कहा कि वह अपनी वेबसाइट, विभिन्न प्रकाशनों और सोशल मीडिया प्लैटफॉम्र्स के जरिए लोगों को अडवाइजरी जारी करेगा और तीन तलाक के खिलाफ जागरूक करेगा।

हलफनामे के सचिव मोहम्मद फजर्लुरहीम के अनुसार, ‘‘निकाह कराते समय, निकाह कराने वाला व्यक्ति दूल्हे को सलाह देगा कि मतभेद के कारण तलाक की स्थिति उत्पन्न होने पर वह एक ही बार में तीन तलाक नहीं देगा क्योंकि शरीयत में यह अवांछनीय परंपरा है।’’  

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘निकाह कराते वक्त, निकाह कराने वाला व्यक्ति दूल्हा और दुल्हन दोनों को निकाहनामे में यह शर्त शामिल करने की सलाह देगा कि उसके पति द्वारा एक ही बार में तीन तलाक की परंपरा को अलग रखा जाएगा।’’  

प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हलफनामे का अवलोकन करेगी। इस संविधान पीठ ने 18 मई को ही तीन तलाक के मुद्दे पर सुनवाई पूरी की है। मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक की परपंरा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर संविधान पीठ ने केंद्र सरकार, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और आल इंडिया मुस्लिम वुमेन पर्सनल ला बोर्ड तथा अन्य पक्षों की दलीलों को ग्रीष्मावकाश के दौरान छह दिन सुना था। 

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