Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 09:43 PM
इससे पहले खबरे छनछन कर आ रही थी कि एयरफोर्स ने तेजस के प्रस्तावित नवीन वर्जन को नापसंद कर दिया है। साथ ही उन्होंने विदेशी कंपनियों के सिंगल इंजन लड़ाकू विमान खरीदने की वकालत की है
नई दिल्लीः देश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस की क्षमता को उठ रहे सवालों के बीच एयरफोर्स ने उसका सपोर्ट किया है। इससे पहले खबरे छनछन कर आ रही थी कि एयरफोर्स ने तेजस के प्रस्तावित नवीन वर्जन को नापसंद कर दिया है। साथ ही उन्होंने विदेशी कंपनियों के सिंगल इंजन लड़ाकू विमान खरीदने की वकालत की है।
एयरफोर्स के लिए तेजस बना रही रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी (डीपीएसयू) हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने मंगलवार को बताया कि बेंगलुरु में दक्षिणी वायु कमान के कमान इन चीफ आरकेएस भदौरिया ने तेजस को आधे घंटे उड़ाया, जिससे विमान के ऑपरेशनल होने को बढ़ावा मिला।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि सेना को अर्जुन बैटल टैंक का नवीन वर्जन भी पसंद नहीं है। इस टैंक को सरकारी रक्षा संगठन डीआरडीओ ने विकसित किया है। सरकारी नियंत्रण वाले डिफेंस प्रॉजेक्ट अक्सर लेटलतीफी का आरोप लगता रहा है।
वहीं, सेना के अस्त्र-शस्त्र और वाहनों की जरूरतों का ध्यान रखने वाले अफसर लेफ्टिनेंट जनरल आरआर निम्भोरकर ने एक बातचीत में कहा था कि हम सरकारी नियंत्रण वाली कंपनियों के कामकाज से नाखुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे अच्छा काम कर रही हैं लेकिन उनकी क्षमता और लागत का विश्लेषण करना बेहद जरूरी है।