Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 06:14 PM
सीमा पर सेना का मनोबल बढ़ाने और शत्रु से भिड़ने के लिए संत पूरी तैयारी में है।
नई दिल्लीः सीमा पर सेना का मनोबल बढ़ाने और शत्रु से भिड़ने के लिए संत पूरी तैयारी में है। अखाड़ा परिषद सेना शत्रु से भिड़ने और आत्मघाती दस्ते बनाने का प्रस्ताव कर चुकी है और इस संबंध में अंतिम निर्णय 28 नवंबर को प्रयाग में हो रही परिषद की बैठक में लिया जाएगा। परिषद 7 नवंबर को हरिद्वार में हुई बैठक में यह साफ कर चुकी है कि केंद्र सरकार यदि चाहे तो नागा संन्यासी सीमा पर जाकर लड़ने को तैयार हैं। पाकिस्तानी आतंकवादियों की तरह खुद आत्मघाती दस्ते बनाने का निर्णय भी परिषद ले चुकी है। मंगलवार को अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने बताया कि सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए संत समाज सीमा पर लड़ रहे जवानों के बीच जाने को तैयार है।
PM से मिलेंगे संत
इसके साथ ही संतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली जाएगा और उनसे आग्रह करेगा कि संतों के प्रतिनिधियों को सैनिकों के बीच जाने की अनुमति प्रदान की जाए। वहीं, हरि गिरि ने नाेट बैन पर कहा कि आतंकवादियों से कालेधन के बल पर कश्मीर में युवाओं को खरीदा गया है। यह धन नहीं रहेगा तो पाकिस्तान की कमर टूट जाएगी।