Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 May, 2017 07:10 PM
देश में एक चौथाई से भी ज्यादा बच्चों के कुपोषित होने की गंभीर समस्या को देखते हुए गैर सरकारी संगठन अक्षयपात्र ने‘पोषित भारत ,शिक्षित ...
नई दिल्ली: देश में एक चौथाई से भी ज्यादा बच्चों के कुपोषित होने की गंभीर समस्या को देखते हुए गैर सरकारी संगठन अक्षयपात्र ने‘पोषित भारत ,शिक्षित भारत’के नारे के साथ हर बच्चे को कुपोषण से मुक्त करने के लिए 2020 तक पांच अरब‘मिड डे मील‘की व्यवस्था करने का लक्ष्य घोषित किया है।
मिड डे मील के जरिए स्कूली बच्चों को भोजन मुहैया कराने वाले सबसे बडे गैर सरकारी संगठन अक्षयपात्र फाउंडेशन ने‘विश्व भूख दिवस’की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और नौ कारपोरेट घरानों ने अक्षयपात्र की इस पहल में सहयेाग करने की प्रतिबद्धता जताई। मेनका गांधी ने यह पहल करने के लिए अक्षयपात्र की तारीफ की और कहा कि कुपोषण की समस्या पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान सिर्फ पेट भरने पर नहीं बल्कि पोषक खाना खिलाने पर होना चाहिए। उन्होंने बच्चों को 600 से 1000 कैलोरीयुक्त अनाज का पैकेट देने का सुझाव देते हुए अक्षयपात्र से इसका डिजायन तैयार करने का अनुरोध किया। अक्षयपात्र फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीधर वेंकट ने कहा कि हर बच्चे को पौष्टिक भोजन तथा शिक्षा देना हम सबकी सामूहिक जिमेदारी है। उन्होंने देश का भविष्य संवारने के लिए यह लक्ष्य हासिल करने में समाज के हर वर्ग का सहयोग मांगा क्योंकि देश का हर बच्चा पौष्टिक खाना , शिक्षा और बेहतर भविष्य का हकदार है।
अक्षयपात्र ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से मिड डे मील में निजी क्षेत्र को भी शामिल करने की मांग की। राष्ट्रीय परिवार कल्याण सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार देश के एक चौथाई बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हैं जो विश्व में सबसे ज्यादा है। विश्व बैक के अनुमानों के अनुसार भारत में छह करोड बच्चों का वजन सामान्य से कम है तथा करीब 58.4 प्रतिशत में खून की कमी है।