Edited By ,Updated: 17 Feb, 2017 06:43 PM
शीर्ष अमरीकी सांसदों ने चेतावनी दी है कि अमरीका के इस्लामिक स्टेट के खिलाफ कार्रवाई में व्यस्त होने का फायदा उठाकर अल कायदा दक्षिण एशिया में फिर से खुद को मजबूत कर रहा है।
वाशिंगटन: शीर्ष अमरीकी सांसदों ने चेतावनी दी है कि अमरीका के इस्लामिक स्टेट के खिलाफ कार्रवाई में व्यस्त होने का फायदा उठाकर अल कायदा दक्षिण एशिया में फिर से खुद को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि अल कायदा पश्चिमी पाकिस्तान में अपने ‘घर’ से भारत में पैर पसारने की फिराक में है। जॉर्जटाऊन यूनिवर्सिटी में सैंटर फार सिक्योरिटी स्टडीज के ब्रूस हॉफमैन ने हाऊस आर्म्ड सर्विसिज कमेटी के सदस्यों से कहा कि अल कायदा कभी नहीं बदला। वह यही समझता है कि पश्चिम, विशेषकर अमरीका के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। हॉफमैन ने आतंकवाद एवं आतंकवाद के खिलाफ रणनीतियों पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कहा कि अल कायदा भारत में अपनी विचारधारा के प्रसार की तैयारी कर रहा है। बंगलादेश और म्यांमार में उसका प्रभाव पहले से है।
पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश बताया
अमरीका की केन्द्रीय खुफिया एजैंसी (सी.आई.ए.) के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान संभवत: दुनिया के लिए ‘सबसे खतरनाक देश’ है। उन्होंने पाकिस्तान की लुढ़कती अर्थव्यवस्था, वहां व्याप्त आतंकवाद और तेजी से बढ़ते परमाणु शस्त्रागार वाले देशों में शामिल होने से पैदा हुए संभावित खतरे का हवाला दिया। इस्लामाबाद में सी.आई.ए. के पूर्व स्टेशन प्रमुख केविन हल्बर्ट ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान के ‘विफल’ होने से दुनिया के लिए परेशानी खड़ी होगी। हल्बर्ट ने कहा कि पाकिस्तान विश्व में सबसे खतरनाक देश नहीं है लेकिन संभवत: यह दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देश है। अगर हम उसे अलग-थलग करने या प्रतिबंध लगाने की रणनीति अपनाते रहे तो इससे स्थिति और खराब हो जाएगी।