फर्जी एम्बुलैंस केस : 100 दिन बाद भी पुलिस ठन-ठन गोपाल, पी.जी.आई. को क्लीन चिट

Edited By ,Updated: 15 Dec, 2016 10:49 AM

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पी.जी.आई. में हुए फर्जी एम्बुलैंस स्कैम के बाद पी.जी.आई. अधिकारियों के शामिल होने का दावा करने वाली यू.टी. पुलिस की जांच 100 दिन बाद क्लीन चिट देने वाली है।

चंडीगढ़ (कुलदीप): पी.जी.आई. में हुए फर्जी एम्बुलैंस स्कैम के बाद पी.जी.आई. अधिकारियों के शामिल होने का दावा करने वाली यू.टी. पुलिस की जांच 100 दिन बाद क्लीन चिट देने वाली है। केस में 7 पी.जी.आई. कर्मचारियों की गिरफ्तारी व 13 अवैध एम्बुलैंस जब्त करने के बावजूद आरोपियों को शह देने वालों के नाम सामने नहीं आ पाए हैं। जबकि पुलिस द्वारा मांगे मरीजों व एम्बुलैंस से जुड़े रिकॉर्ड भी पी.जी.आई. प्रशासन द्वारा मुहैया करवाने के बाद जांच रिपोर्ट भी खाली रही। 

 

ऐसे शुरू हुई कार्रवाई 
1 जून की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सैक्टर-11 थाना पुलिस ने 3 जून को पी.जी.आई. परिसर के अंदर से 3 अवैध एम्बुलैंस चालकों को काबू कर 2 एम्बुलैंस जब्त की थी। इसके बाद पुलिस जांच व छापामारी में लगातार अवैध एम्बुलैंस जब्त होती रहीं। 8 जून शाम तक पुलिस ने मामले में शामिल पी.जी.आई. के 3 सिक्योरिटी गार्ड्स सहित 7 कर्मियों को काबू कर लिया और अवैध 13 एम्बुलैंस भी जब्त हो चुकी थीं। 

 

गिरफ्तारी के बाद पुलिस के दावे हवा
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि तीनों सिक्योरिटी गार्ड्स चीफ सिक्योरिटी इंचार्ज के अध्यक्षता में काम करते थे। पुलिस ने दावा किया कि इस मामले में पी.जी.आई. के कर्मचारियों का शामिल होना तय है जिनके नामों का खुलासा पुलिस जल्द करेगी लेकिन 100 दिन बाद पुलिस की जांच ठंडी पड़ी है। 

 

पी.जी.आई. प्रशासन ने सौंपी रिपोर्ट में खाली जांच
 आरोपियों से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर पिछले अढाई साल से मृतकों को बॉडी ले जाने, मरीज के मरने की घोषणा के समय मॉर्चरी में तैनात कर्मचारी की कॉल डिटेल्स, संबंधित पीड़ित परिजनों की डिटेल्स, इस्तेमाल एम्बुलैंस की डिटेल्स सहित अन्य जानकारी लिखित तौर पर मांगी थी ताकि केस से जुड़े सभी आरोपियों की शिनाख्त कर काबू किया जा सके। सभी रिकॉर्ड को पुलिस ने माह के अंदर लेने का दावा किया था। लेकिन, पी.जी.आई.प्रशासन द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बावजूद पुलिस की जांच में कुछ भी सामने नहीं आया। 

 

चीफ सिक्योरिटी इंचार्ज से हुई थी पूछताछ
सैक्टर-11 थाना पुलिस ने पी.जी.आई. के चीफ सिक्योरिटी इंचार्ज पी.सी.शर्मा को 13 जून को पूछताछ ज्वाइन करवाया था। इससे पहले पूछताछ के लिए शर्मा को पुलिस 2 बार पर बुला चुकी थी। 
लिखित समन जाने के बाद वह पूछताछ ज्वाइन करने पहुंचे थे। पुलिस ने पी.सी.शर्मा को जल्द फिर से जांच ज्वॉइन करवाने का बयान देकर मामले पर अपना बचाव कर गई। इसके बाद पुलिस ने फिर किसी से पूछताछ करने या जांच के बारे में नाम तक नहीं लिया।

 

केंद्रीय स्वास्थ मंत्री ने लिया था संज्ञान
मरीजों व मृतकों की फैमली से एम्बुलैंस सेवा के नाम पर बदतमिजी व अवैध वसूली जैसा घिनौना अपराध करने का मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने संज्ञान लिया था। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस के आदेश दिया था कि यह सिर्फ कानूनी तौर पर अपराध नहीं बल्कि मानवता का भी अपराध है। इस केस में शामिल एक भी आरोपी बख्शा नहीं जाए। 

 

पुलिस का कहना 
डी.एस.पी. सैंट्रल रामगोपाल का कहना है कि मामले से जुड़े 11 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, सिर्फ अवैध संचालक मान की गिरफ्तारी की जानी है। इसके अलावा केस की पूरी जांच व पी.जी.आई. प्रशासन से मिली रिकार्ड रिपोर्ट की जांच में किसी पी.जी.आई. अधिकारी से शामिल होना सामने नहीं
आया है। 

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