न्यूजीलैंड ने भी गिराई भारतीयों पर गाज, मोदी के ग्लोबल ड्रीम को लगा पलीता !

Edited By ,Updated: 20 Apr, 2017 11:41 AM

america australia visa curb hits it companies and modi global dream

डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आई.टी. कंपनियों पर आरोप लगाते हुए कि ये अमरीकी नागरिकों की नौकरियां छीनने का काम कर रही हैं...

सिडनी/वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आई.टी. कंपनियों पर आरोप लगाते हुए कि ये अमरीकी नागरिकों की नौकरियां छीनने का काम कर रही हैं, अपने एच1बी वीजा नियमों को सख्त करने की पहल कर दी है। इससे पहले मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया सरकार ने अपने 457 वीजा (अमेरिका के एच1बी की तर्ज पर दिया जा रहा वीजा) कार्यक्रम को बंद कर दिया था जिसके चलते विदेशों से काम करने वाले वहां पहुंचते थे।

इन दोनों फैसलों की तर्ज पर ही न्यूजीलैंड ने भी ऐलान कर दिया है कि वह विदेशी मूल के लोगों के लिए नौकरी पाने के रास्ते को मुश्किल करने जा रही है क्योंकि ट्रंप की तर्ज पर उसे भी कीवी फर्स्ट की नीति पर चलना है।इन सभी फैसलों का सीधा असर भारत की आईटी कंपनियों पर पड़ेगा।ऑस्ट्रेलिया में ये वीजा प्रतिवर्ष लगभग 60 फीसदी और अमरीका में 70 फीसदी भारतीयों को दिया जाता है, वहीं न्यूजीलैंड में भी सर्वाधिक इमीग्रेंट भारत से हैं। अमरीका का एच1बी वीजा कार्यक्रम और ऑस्ट्रेलिया का 457 वीजा कार्यक्रम नॉन-इमीग्रेंट वीजा है। इन वीजा को जारी कर अमरीका और ऑस्ट्रेलिया की कंपनियां विदेशों से इंजीनियर, साइंटिस्ट और कंप्यूटर प्रोग्रामर को अपने देश नौकरी करने के लिए बुलाती है। ऐसा करने के लिए ज्यादातर भारतीय कंपनियों को वर्क आउटसोर्सिंग के जरिए ये वीजा आवबटित किया जाता है। भारतीय कंपनियां अमरीकी कंपनियों के लिए इस टैलेंट वर्कफोर्स को भारत से नौकरी पर अमरीका भेजती हैं।

ट्रंप का आरोप है कि भारतीय कंपनियां एच1बी वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए अरीकी नागरिकों की नौकरियों पर भारतीयों को रख रही हैं। यही आरोप भारतीय कंपनियों पर ऑस्ट्रेलिया में भी लग रहा है।  अमरीका की तर्ज पर न्यूजीलैंड ने भी घोषणा कर दी  है कि वह अप्रवासियों की संख्या पर लगाम लगाने के लिए अपने इमीग्रेशन नीति में बदलाव करने जा रही है।  न्यूजीलैंड के इमीग्रेशन मंत्री माइकल वुडहाउस ने कहा कि नए इमीग्रेशन नियम लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के लिए विदेशी लोगों को नौकरी देना मुश्किल हो जाएगा। न्यूजीलैंड सरकार वहां रह रहे अप्रवासियों की न्यूनतम सैलरी को आधार लेते हुए नए नियम बनाने जा रही है। इन नियमों में अब स्किल्ड लेबर के तौर पर नौकरी तभी मिल सकती है यदि वह कम से कम मीडियन सैलरी वहां पाएं। वहीं हाइली स्किल्ड लेबर के लिए मीडियन सैलरी का 150 फीसदी पाना अनिवार्य हो जाएगा।  नए नियमों में न्यूजीलैंड सरकार अपने कम स्किल्ड अप्रवासियों के वीजा की मियाद 3 साल  कर देगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ग्लोबल ड्रीम को परिभाषित करते हुए अपने मैडिसन स्क्वायर स्पीच में कहा था कि जिस तरह पूरी दुनिया से लोग अमरीका आते हैं वैसे ही भारत से लोग पूरी दुनिया में जाते हैं। देश में स्किल डेवलपमेंट पर जोर देते हुए मोदी ने कहा था कि उनकी कोशिश होगी कि पूरी दुनिया में भारतीय स्किल की जरूरत पड़े जिससे मौजूदा सदी में भारत पूरी दुनिया के लिए वर्कफोर्स प्रोवाइडर बन सके  लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया और अमरीका के फैसले के बाद अब न्यूजीलैंड पीएम मोदी के इस ग्लोबल ड्रीम के सामने कड़ी चुनौती खड़ी  कर रहा है। 

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