PICS: 50 की हुई अमूल गर्ल, कुछ ऐसा रहा इसका सफर

Edited By ,Updated: 17 Oct, 2016 04:39 PM

amul girl now turn 50

चाहे टीवी हो, अखबार या फिर होर्डिंग, आप सभी जगह अमूल के विज्ञापनों में चोटी और फ्रॉक पहने एक मासूम-सी दिखने वाली लड़की आज भी लोगों के दिलों में राज कर रही है।

नई दिल्ली: चाहे टीवी हो, अखबार या फिर होर्डिंग, आप सभी जगह अमूल के विज्ञापनों में चोटी और फ्रॉक पहने एक मासूम-सी दिखने वाली लड़की आज भी लोगों के दिलों में राज कर रही है। अमूल के विज्ञापनों के केंद्र में रहने वाली यह छोटी औऱ प्यारी-सी लड़की अब पचास साल की हो चुकी है। आईपीएल फिक्सिंग हो, महिला सशक्तीकरण की बात हो, चुनावी मुद्दे हों या पीओके में भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर इंदिरा गांधी सरकार की नसबंदी योजना तक अमूल ने अपने ऐड में अपना नजरिया पेश किया। गंभीर से गंभीर मसले में अमूल गर्ल ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। प्रोडक्‍ट मार्केटिंग की टक्‍कर के चलते हुआ था अमूल गर्ल का जन्‍म

कुछ ऐसा रहा अमूल गर्ल का सफर
1966 में अमूल के विज्ञापन की शुरूआत हुई थी और इसकी कमान एडवरटाइजिंग सेल्‍स एंड प्रमोशन के मैनेजिंग डायरेक्‍टर सिल्‍वेस्‍टर डाकुन्‍हा को दी गई थी। इन विज्ञापनों की शुरूआत थोड़ी बोरिंग थी लेकिन धीरे-धीरे इसने रोचक रफ्तार पकड़ी क्‍योंकि डाकुन्‍हा ने ठान लिया था कि वो अमूल के विज्ञापनों की बोरिंग इमेज बदल कर रख देंगे और उन्‍होंने वैसा ही किया। जब अमूल बटर की शुरूआत हुई थी तब पॉल्‍सन नाम की कंपनी भी टक्‍कर में थी क्‍योंकि वो भी बटर का उत्‍पाद करती थी और अच्‍छा खासा बिजनेस कर रही थी। पॉल्सन अपने विज्ञापन में एक बटर गर्ल का इस्तेमाल करता था। इसी गर्ल को टक्कर देने के लिए डाकुन्‍हा ने अपने एजेंसी के आर्ट डायरेक्‍टर यूस्‍टेस पॉल फर्नांडिज के साथ बैठकर एक ऐसी गर्ल की कल्‍पना करी जो तुरन्‍त लोगों के दिन और दिमाग में समा जाए।

हर दौर में अलग अंदाज
-1976 में जब इंदिरा गांधी के शासनकाल में नसबंदी को अनिवार्य घोषित कर दिया गया था, तब भी अमूल गर्ल ने नर्स बन सबको खुश कर दिया।

-ब्रिटिश एयरवेज़ के विमान में सचिन तेंडुलकर का सामान खो जाने के बाद अमूल ने अपने ऐड में 'British Airways' को 'British Errways' कह डाला। ब्रिटिश एयरवेज़ ने ऐड पर नाखुशी जाहिर की थी।

-भ्रष्टाचार के खिलाफ हल्ला-बोल में अन्ना हजारे ने भूख-हड़ताल की थी। तब अमूल ने कहा- खा ना हजारे...

-अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया के सामने कहा कि वे और 'बराक' अच्छे दोस्त बन गए। अमूल ने कहा- बड़ी-बड़ी बातें।

-अभिनेता आमिर खान की फिल्म पीके को अमूल ने बड़े ही मजेदार ढंग से पेश किया था।

-BCCI के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया पर लगे आरोपों पर भी अमूल ने ऐड निकाला था। इससे नाराज होकर डालमिया ने अमूल पर 500 करोड़ रुपए के हर्जाने का मुकदमा करने की धमकी दे डाली थी।

अमूल गर्ल के पीछे है ये टीम
कई बार दिमाग में आता है कि इस अमूल गर्ल के पीछे किन लोगों का दिमाग और क्रिएटिविटी है। इन विज्ञापनों को तैयार करने के लिए तीन लोगों की टीम बनी हुई है जो हर सप्‍ताह 6 कार्टून तैयार करती है। इन विज्ञापनों की कैंपेन डाकुन्‍हा कम्‍यूनिकेशंस करती है। इस कंपनी के क्रिएटिव हैड हैं राहुल डाकुन्हा, कॉपी राइटर हैं मनीष झावेरी और करीब ढाई दशकों से अमूल गर्ल को बनाने वाले कार्टूनिस्ट जयंत राणे। डाकुन्हा के विज्ञापन काफी हद तक आक्रामक होते हैं। डाकुन्हा और झावेरी रोजाना अपना दिन एक ही तरह से शुरू करते है।

ऐसे आता है आइडिया
टीम मैंबर सुबह ही अखबारों को खंगालते हैं और उनमें छोटे-बड़े घोटाले, मजदूरों का आंदोलन, खेलों का विवाद, भ्रष्टाचार प्रदर्शन, इमारतों का ढह जाना, कुछ विवादित होना या फिर ऐसा कुछ भी खोजते हैं जिनपर देशभर में चर्चा हो रही होती है। वहीं, रोजाना सुबह विज्ञापन के लिए मुद्दा ढूंढऩे के बाद उसकी पटकथा के बारे में चर्चा की जाती है। पटकथा और इसका मुद्दा तैयार होने के बाद कार्टूनिस्ट जयंत राणे को इस बारे में बताया जाता है। राणे एक कागज पर अपनी पेंसिल घुमाना शुरू कर देते हैं और अमूमन आधे घंटे में अमूल गर्ल के साथ उस मुद्दे से जुड़ी मुख्य तस्वीर दे देते हैं।



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