अन्ना हजारे ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- सरकार ने लोकपाल कानून को किया कमजोर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Dec, 2017 08:40 PM

anna hazare said modi government weakened lokpal law

अन्ना ने कहा, पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल-लोकायुक्त कानून को कमजोर किया और अब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकपाल को कमजोर करने का काम किया है। मनमोहन सिंह के समय कानून बन गया था, उसके बाद नरेंद्र मोदी ने संसद में 27...

भोपालः लोकपाल को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला हैं। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने उस लोकपाल विधेयक को कमजोर कर दिया है, जिसे पूर्व की संप्रग सरकार के दौरान पारित किया गया था। अन्ना यहां मध्यप्रदेश के खजुराहो में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हुए हैं। 

अन्ना ने कहा, पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल-लोकायुक्त कानून को कमजोर किया और अब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोकपाल को कमजोर करने का काम किया है। मनमोहन सिंह के समय कानून बन गया था, उसके बाद नरेंद्र मोदी ने संसद में 27 जुलाई, 2016 को एक संशोधन विधेयक के जरिए यह तय किया कि जितने भी अफसर हैं, उनकी पत्नी, बेटे-बेटी आदि को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देना होगा। जबकि कानून में यह ब्योरा देना जरूरी था।

उन्होंने केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि लोकसभा में एक दिन में संशोधन विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गया। अगले ही दिन राज्यसभा में 28 जुलाई को पेश किया गया। उसके बाद 29 जुलाई को संशोधन विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा गया, जहां से इस पर हस्ताक्षर भी हो गए। अन्ना ने कहा, जो कानून पांच साल में नहीं बन पाया, उसे तीन दिन में कमजोर कर दिया गया। 

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना ने कहा कि किसान को दिए जाने वाले कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाई जाती है। कई बार तो ब्याज की दर 24 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। साल 1950 का कानून है कि किसानों पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लगा सकते फिर भी लगाई जा रही है। 

अन्ना ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि किसानों से जो ब्याज साहूकार नहीं ले सकते, वह ब्याज बैंक वसूल रहे हैं। बैंक नियमन अधिनियम का पालन नहीं हो रहा है। इसे भारतीय रिजर्व बैंक को देखना चाहिए। इसके अलावा 60 वर्ष की आयु पार कर चुके किसानों को पांच हजार रुपये मासिक पेंशन दिया जाना चाहिए। 

अन्ना ने उद्योगपतियों का कर्ज माफ किए जाने पर सवाल उठाया और कहा कि उद्योगपतियों का हजारों करोड़ रुपए कर्ज माफ कर दिया गया लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सरकार तैयार नहीं है। 
 

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