Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 12:23 PM
पाकिस्तानी सरकार और सेना से नाराज लोगों ने रविवार को गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में ब्लैक डे मनाया और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किए...
इस्लामाबादः पाकिस्तानी सरकार और सेना से नाराज लोगों ने रविवार को गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में ब्लैक डे मनाया और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किए। 22 अक्टूबर, 1947 को ही पाकिस्तानी सेना ने कबायलियों के भेष में अविभाजित जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर हमला बोला था। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी हमले की 70वीं वर्षगांठ पर प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद, रावलकोट, कोटली, गिलगित, हजीरा और अन्य जगहों पर विरोध जताया। लोग अपने घरों से सड़कों पर निकल आए और अपना गुस्सा जाहिर किया।
उन्होंने रावलकोट के पास बानबेहक पर एक बड़ी रैली निकाली और सार्वजनिक सभा की। लोगों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए और गुलाम कश्मीर से तुरंत पाकिस्तानी सेना हटाने की मांग की। गुलाम कश्मीर के कोटली और हजीरा शहरों में भी रैली निकाली गई। मुजफ्फराबाद में नीलम ब्रिज पर कुछ प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए। इस दौरान लोगों ने गुलाम कश्मीर और गिलगित में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों का जिक्र किया।
मुजफ्फराबाद के जम्मू-कश्मीर नैशनल स्टूडैंट्स फेडरेशन के कार्यकर्ता नबील मुगल ने बताया, 'हमने ऐतिहासिक नीलम ब्रिज पर इसलिए प्रदर्शन किया क्योंकि 22 अक्टूबर, 1947 को यहां कबायलियों के भेष में पाकिस्तानी सेना ने हमला किया था।' मुजफ्फराबाद में एक सभा में गुलाम कश्मीर के एक कार्यकर्ता तौकीर गिलानी ने कहा, 'पाकिस्तानी फौज आतंकियों को ट्रेनिंग देती है। उन्हें सुरक्षित ठिकाने मुहैया कराती है। वे न तो अपने मुल्क के साथ हैं और न कश्मीरियों के साथ।