Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 09:40 PM
खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाकर नाक में दम करने वाली पूर्व महिला अधिकारी अनुपमा शेनॉय एक बार फिर चर्चा में हैं। बार-बार ट्रांसफर से तंग आकर कर्नाटक की महिला पुलिस अफसर अनुपमा ने नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने राजनीतिक दल खड़ा कर लिया। पूर्व...
नेशनल डेस्क: खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाकर नाक में दम करने वाली पूर्व महिला अधिकारी अनुपमा शेनॉय एक बार फिर चर्चा में हैं। बार-बार ट्रांसफर से तंग आकर कर्नाटक की महिला पुलिस अफसर अनुपमा ने नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने राजनीतिक दल खड़ा कर लिया। पूर्व अफसर अनुपमा शेनॉय की पार्टी का नाम भारतीय जनशक्ति कांग्रेस (BJC) है। अनुपमा की बीजेसी पार्टी राज्य 15 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने जा रही है।
जून 2016 में छोड़ी थी DSP की नौकरी
अनुपमा ने जून 2016 में नौकरी से इस्तीफा दिया था। उस समय वह बेल्लारी जिले के कुडलिगी में डीएसपी पद पर तैनात थीं। यह वह इलाका है जहां बड़े पैमाने पर खनन माफिया सक्रिय हैं। ऐसा माना जाता है कि स्थानीय खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर ही अनुपमा का ट्रांसफर किया गया। अपने बार-बार ट्रांसफर से तंग आकर ही अनुपमा ने नौकरी छोड़ दी। चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'भिंडी' को मंजूर कर लिया है और पार्टी राज्य में 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शेनॉय ने पिछले साल नवंबर महीने में ही चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। शेनॉय के संभवत: उडुपी जिले के कौप विधानसभा से चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
लहाल अनुपमा राज्य के सभी जिलों में पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए काम कर रही है। उनकी पार्टी भारतीय जनशक्ति कांग्रेस सांप्रदायिक सौहार्द, शांति, भ्रष्टाचार दूर करने और भयमुक्त समाज बनाने की दिशा में काम करेगी। पार्टी महिलाओं और टिकाऊ विकास के लिए खासतौर से काम करेगी। दीर्घकालिक रूप से पार्टी का उद्देश्य राज्य में शराबबंदी को लागू करना होगा। गौरतलब है कि राज्य में विधानसभा चुनाव अप्रैल या मई में हो सकते हैं। अनुपमा की माने तो उनकी पार्टी राज्य को भ्रष्टाचार से मुक्त करने का प्रयास करेगी और किसी भी भ्रष्ट नेता के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं होगी।