कॉर्पोरेट जासूसी का असर बजट 2015 पर

Edited By ,Updated: 21 Feb, 2015 11:34 AM

article

केंद्र सरकार के अहम मंत्रालयों की जासूसी का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। कॉर्पोरेट जासूसी का दायरा बढ़ता ही जा रहा है जिसकी अांच अाने वाले बजट पर भी पड़ेगी क्योंकि बताया जा रहा है बजट में वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा बोले जाने वाले भाषण तक को...

नई दिल्लीः केंद्र सरकार के अहम मंत्रालयों की जासूसी का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। कॉर्पोरेट जासूसी का दायरा बढ़ता ही जा रहा है जिसकी अांच अाने वाले बजट पर भी पड़ेगी क्योंकि बताया जा रहा है बजट में वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा बोले जाने वाले भाषण तक को चुरा लिया गया है। जासूसी प्रकरण में दो एनर्जी कंसलटेंट समेत अब तक 12 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 

तीन मंत्रालयों से लीक हुए दस्तावेज

गोपनीय दस्तावेज चुराकर बेचने वाला गिरोह पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय समेत इन मंत्रालयों केसभी विभागों में फैला था। सीधे शब्दों में कहें तो गिरोह पूरे एनर्जी सेक्टर से गोपनीय दस्तावेज चुरा रहा था। दिल्ली पुलिस की जांच में ये स्पष्ट हो गया है कि गोपनीय जानकारी लीक होने से पेट्रोल व एनर्जी से जुड़े उत्पादों व टेंडरिंग पर प्रभाव पड़ता था।

पेट्रोल आदि के दाम कम व ज्यादा होने की जानकारी कंपनियों को पहले ही मिल जाती थी। इससे कंपनियां अपने मुनाफे वाले फैसले पहले ही कर लेती थीं। इस तरह टेंडर आदि में भी कंपनियों को टेंडर के बेसिक दाम व अन्य गोपनीय जानकारी पहले ही मिलने से वे रणनीति बना लेतीं थीं। दिल्ली पुलिस अधिकारी मान रहे हैं कि बड़ी कंपनियां अपनी फायदे के लिए गोपनीय जानकारी हासिल करती थीं

रिलायंस, एसआर ऑयल के अलावा निर्माण से जुड़ी कंपनियों को भी गोपनीय जानकारी बेची जाती थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इनमें गैमन व जीएमआर आदि निर्माण से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि गिरफ्तार आरोपी करीब 200 से 250 कंपनियों को गोपनीय दस्तावेज व जानकारी बेचते थे।

कुछ कंपनियां कंसल्टेंसी एजेंसियों के जरिये जानकारी जानकारी लेती थीं। गोपनीय जानकारी लेने वाली ज्यादातर पेट्रोलियम व कोयले से जुड़ी कंपनियां हैं। पुलिस अब सभी कंपनियों के अधिकारियों को बुलाकर पूछताछ कर रही है।

गिरफ्तार किए गए लोगों में ये है शामिल

ऋषि आनंदडीजीएम- अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप

शैलेष सक्सेना---मैनेजर रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड

विनय कुमारडी---जीएमएस्सार ऑयल

सुभाष चंद्र----सीनियर एक्जीक्यूटिवजुबिलेंट एनर्जी

जासूसी रोकने को खुफिया कैमरों से लैस होंगे मंत्रालय

उद्योग जगत के दबाव की परवाह किए बिना नरेंद्र मोदी सरकार कारपोरेट जासूसी पर लगाम कसने के लिए सख्ती बरतेगी। पैट्रोलियम मंत्रालय के अलावा सरकार को कोयला और ऊर्जा मंत्रालय से भी जासूसी के संकेत मिले हैं। जल्द ही इन दोनों मंत्रालयों में भी सख्ती की जाएगी। सरकार ने मलाईदार मंत्रालयों को खुफिया कैमरों से लैस करने का निर्णय लिया है।

पेट्रोलियम मंत्रालय में कैमरे लगाने का प्रयास दो माह पहले ही हुआ था। लेकिन कुछ विभागीय अधिकारियों की आपत्ति के बाद सरकार ने अपने कदम रोक लिए थे। मगर अब पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी का मामला सामने आने के बाद सरकार सतर्क हो गई है। अब जल्द ही तमाम आर्थिक मंत्रालयों को कैमरे से लैस किया जाएगा। इनके जरिए मंत्रालयों में आने-जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखी जा सकेगी।

 अभी ये है व्यवस्था

• शास्त्री भवन, निर्माण भवन, उद्योग भवन समेत अन्य दफ्तरों में पत्रकारों को आने जाने के लिए पीआईबी कार्ड तथा कर्मियों और अधिकारियों के लिए विभागीय पहचान पत्र जारी हैं।

•  अधिकांश केंद्रीय मंत्रालयों की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के पास है। सुरक्षा के बाबत समय-समय पर स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसीजर (एसओपी) में बदलाव होता रहता है।

• अभी मुख्य द्वार समेत कुछ स्थानों पर ही सीसीटीवी है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!