Edited By ,Updated: 10 May, 2015 01:34 PM
एक जोड़े की लगभग 15 साल पुरानी शादी को एक शौचालय ने बचा लिया और फिल्मों की तरह उनकी समस्या का भी ‘हैप्पी एंडिंग’ हुआ। रिंकू और जयगोविंद मंडल की शादी वर्ष 2001 में हुई।
जॉयघाट (पश्चिम बंगाल): एक जोड़े की लगभग 15 साल पुरानी शादी को एक शौचालय ने बचा लिया और फिल्मों की तरह उनकी समस्या का भी ‘हैप्पी एंडिंग’ हुआ। रिंकू और जयगोविंद मंडल की शादी वर्ष 2001 में हुई। उनकी शादी को बचाने की नौबत इसलिए आई क्योंकि 30 साल की रिंकू को रोज निवृत्त होने घर से बाहर जाना पड़ता था। दो साल पहले तक सब सामान्य था और निवृत्त होने के नियम से उनके रिश्ते में कोई आंच नहीं थी लेकिन जब जयगोविंद ने रिंकू पर शक करना शुरू कर दिया तो उनके रिश्ते में चिड़चिड़ापन, संदेह और अविश्वास बढऩे लगा।
एक न्यूज एजैंसी को दिए साक्षात्कार में रिंकू ने बताया, ‘‘उन्होंने मुझसे अजीब से प्रश्न पूछने शुरू कर दिए मसलन मैं लौटने में इतना वक्त क्यों लगाती हूं, मैं दिन में दो बार क्यों जाती हूं वगैरह। इससे धीरे धीरे पूरे घर का माहौल चिड़चिड़ा रहने लगा। उन्हें लगता था कि मेरा बाहर किसी और के साथ संबंध है।’’ नादिया जिले के मजीदिया गांव में उनका घर भी उन घरों में से एक है जिनमें शौचालय नहीं हैं। जयगोविंद एक दिहाड़ी मजदूर है। उनके इन छोटे-छोटे झगड़ों से उनका शादी का रिश्ता मुश्किल में पडऩे लगा। शराब के नशे में जयगोविंद अक्सर हिंसक होने लगा।
रिंकू ने बताया, ‘‘जब वो मुझे मारता था तो मैं उसे बरदाश्त नहीं कर सकती थी। एक दिन मैं भाग कर अपनी मां के घर चली गई और वहीं रहने लगी।’’ जल्द ही यह मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय में पहुंचा। अधिवक्ता ककली चटर्जी ने बताया कि रिंकू ने पिछले साल भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत कथित घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था।