जम्मू कश्मीर: जेल में दबे मिलेमोहम्मद गौरी के समय के सिक्के

Edited By ,Updated: 20 Jun, 2015 11:21 AM

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क्राईम ब्रांच जम्मू ने प्राचीन सिक्कों के हेरफेर के आरोप में कोट भलवाल जेल की तत्कालीन सुप्रीटैंडेंट रजनी सहगल, चक्कर हवलदार रवि कुमार, मोहन लाल व सुमन कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जम्मू: क्राईम ब्रांच जम्मू ने प्राचीन सिक्कों के हेरफेर के आरोप में कोट भलवाल जेल की तत्कालीन सुप्रीटैंडेंट रजनी सहगल, चक्कर हवलदार रवि कुमार, मोहन लाल व सुमन कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह प्राचीन सिक्के कोट भलवाल जेल के अहाते में दबे हुए मिले थे।

प्राथमिक जांच में क्राईम ब्रांच ने पाया कि सितम्बर 2012 में सब्जियां उगाने के लिए जमीन की खुदाई कर रहे कैदियों को एक कुज्जे(मिट्टी के बर्तन) में दबे करीब 450/500 धातु की वस्तुएं मिली थीं। कुज्जे के टूटे हुए टुकड़ों व धातु की वस्तुओं को चक्कर हवलदार रवि कुमार व मोहन लाल को सौंप दिया गया। इसके बाद सभी कैदियों को अपनी बैरकों में वापिस जाने को कहकर दोनों हवलदारों ने वस्तुओं को अखबार में लपेटकर तत्कालीन जेल सुप्रीटैंडेंट रजनी सहगल के सामने पेश किया।

जेल से खुदाई के दौरान प्राचीन वस्तुओं के बरामद होने की बात किसी तरह से जेल विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंच गई व उन्होंने इस मामले की जांच के लिए नवम्बर 2012 में आदेश जारी कर दिए। जांच के आदेश जारी होने की सूचना मिलते ही तत्कालीन जेल सुप्रीटैंडेंट रजनी सहगल के निर्देश पर तीनों हवलदारों ने कैदियों को धमकाना शुरु कर दिया कि वे इस बारे में किसी को न बताएं। कैदियों पर दवाब बनाया गया कि वे पूछताछ के दौरान बताएं कि खुदाई का सामान नवंबर माह में दीवाली के आसपास बरामद हुआ था न कि सितम्बर महीने में। उन्हें यह भी कहा गया कि वे सामान की संख्या 100 के करीब बताएं।


जांच में यह भी पाया गया कि खुदाई से मिला सामान असल में प्राचीन सिक्के थे जोकि मोहम्मद गौरी, बलबन, अला उद दीन खिलजी के शासन के दौरान प्रयोग चलते थे। सभी सिक्के सोने चांदी व तांबे के बने हुए थे। जांच में पाया गया कि रजनी सहगल ने जानबूझ कर खुदाई के दौरान मिले सामान के बारे में उच्च अधिकारियों व जिला मैजिस्ट्रेट को सूचित नहीं किया।

जबकि जेल विभाग द्वारा जांच शुरु किए जाने के बाद ही उन्होंने फर्जी गवाहों प दस्तावेजों को तैयार कर खुदाई के दौरान 107 प्राचीन सिक्के मिलने के बारे में बताया। जांच में साबित हो गया कि रजनी सहगल ने तीन हवलदारों के साथ मिलकर अपने पद का गल्त प्रयोग करते हुए बहुमूल्य व प्राचीन खजाने के हेरफेर का प्रयास किया। जांच के आधार पर क्राईम ब्रांच ने रजनी सहगल तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है।

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