तेल आयात बचत से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के वित्तपोषण में मदद मिलेगी: जेटली

Edited By ,Updated: 29 Aug, 2015 12:27 AM

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वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम छह साल के निचले स्तर पर आने और जिंस कीमतों में गिरावट से भारत के आयात बिल में होने वाली बचत को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में खर्च किया जा सकेगा।

नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम छह साल के निचले स्तर पर आने और जिंस कीमतों में गिरावट से भारत के आयात बिल में होने वाली बचत को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में खर्च किया जा सकेगा। इस राशि का इस्तेमाल बुनियादी ढांचा निर्माण में भी हो सकेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यह बात कही।   

उन्होंने कहा कि तेल कीमतों में गिरावट से संपत्ति का तेल उत्पादक देशों से तेल खपत वाले देशों की ओर वितरण हुआ है। वित्त मंत्री ने यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा,‘‘संपत्ति के इस पुनर्वितरण से अंतत: तेल उपभोक्ता देशों को लाभ होगा। तेल के दाम घटकर आधे रह गए हैं।’’ जहां कच्चे तेल के दाम 40 डालर प्रति बैरल के रिकार्ड निचले स्तर पर आ गए हैं। साथ ही जिंस के दाम में भी गिरावट आई है। 
 
उन्होंने कहा कि भारत न तो तेल का निर्यातक है और न ही जिंसों का। हम इनका आयात करते हैं। ऐसे में कीमतों में गिरावट से हमें बड़ी राशि बचाने में मदद मिलेगी, जिसका इस्तेमाल सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर खर्च में किया जा सकेगा। भारत अपनी कुल तेल जरूरत का 80 प्रतिशत आयात करता है। वर्ष 2014-15 में तेल आयात पर 124 अरब डालर खर्च किया गया।  

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