Edited By ,Updated: 31 Aug, 2015 04:49 PM
जाने-माने वकील और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी)की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे पूर्व सैनिकों से मिलने आज जंतर मंतर पहुंचे।
नई दिल्ली: जाने-माने वकील और राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी)की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे पूर्व सैनिकों से मिलने आज जंतर मंतर पहुंचे। जेठमलानी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं यहां पूर्व सैनिकों का समर्थन करने के लिए आया हूं। मेरे जीवन में अब कोई महत्वकांक्षा नहीं है और मुझे लोगों को प्यार ही बांटना है।’
वित्त मंत्री अरूण जेटली पर देशहित के विपरीत काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह आपके हित में काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीतिक नेताओं ने देश को नीचा ही दिखाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा ,‘मोदी को लेकर मेरे मन में जो सपने थे, उन पर वह खरे नहीं उतरे। मैं उन राजनीतिक नेताओं में से नहीं हूं, जो अपने मित्रों और देशवासियों को भूल जाते हैं।’
ओआरओपी लागू करने की मांग को लेकर दस पूर्व सैनिक आमरण अनशन पर बैठे हैं, जिनमें से पांच को तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा लगभग 30 पूर्व सैनिक क्रमिक अनशन पर भी बैठे हैं। सरकार और पूर्व सैनिकों के संगठन के बीच कई दौर की बात हो चुकी है लेकिन इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है कि भविष्य में पेंशन को कितने समय के बाद संशोधित किया जाए। अभी पेंशनधारियों की पेंशन हर दस वर्ष के बाद संशोधित की जाती है। पूर्व सैनिक हर एक वर्ष के बाद पेंशन संशोधित करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार हर पांच वर्ष में पेंशन संशोधित करने की बात कह रही है।