आसाराम केस: गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश

Edited By ,Updated: 14 Sep, 2015 02:20 PM

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रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम के केस पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश दिए है। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वो जल्‍द निर्देश जारी करे।

नई दिल्ली: रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम के केस पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश दिए है। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से कहा कि गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वो जल्‍द निर्देश जारी करे। गौरतलब है कि अब तक आसाराम और उनके बेटे नारायण साई के खिलाफ मामलों से संबंधित 9 गवाहों पर हमले हुए हैं। आसाराम के खिलाफ जोधपुर और अहमदाबाद में कथित बलात्कार के मामले चल रहे हैं, जबकि नारायण साई पर सूरत में कथित बलात्कार का एक मामला चल रहा है। इन तीनों ही मामलों में इन 9 लोगों को महत्वपूर्ण गवाह माना जा रहा है। 

अब तक इन गवाहों पर हो चुके है हमले:-

1)अखिल गुप्ता:- 10 साल तक आसाराम के साबरमती आश्रम में रसोइये के रूप में काम करने वाले अखिल गुप्ता सूरत में दो बहनों के साथ कथित बलात्कार मामले में अभियोजन पक्ष के मुख्य गवाह थे। उनकी 11 जनवरी 2015 को मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

2)अमरुत प्रजापति: आयुर्वेद चिकित्सक प्रजापति ने लगभग 12 साल तक आसाराम और उनके परिवार का इलाज किया। बाद में इस केस में सरकारी गवाह बन गए। उन पर 23 मई 2014 को दो अज्ञात हमलावरों ने राजकोट में गोलियां चलाईं, जिसके बाद 10 जून 2014 को उनकी मौत हो गई।

3)महेंद्र चावला:- आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के बेहद करीबी रहे महेंद्र चावला साईं के खिलाफ कथित बलात्कार मामले में मुख्य गवाह हैं। पानीपत में 13 मई 2015 को उन पर दो अज्ञात मोटरसाइकिल सवारों ने गोलियां चलाईं। 

4)राहुल सचान:- आसाराम के आश्रम के पूर्व कार्यकर्ता सचान आसाराम के खिलाफ कथित बलात्कार के मामले में गवाह हैं। उन पर 13 फरवरी 2015 को जोधपुर कोर्ट के बाहर चाकू से हमला हुआ था।

5) राजू चंदोक:- आसाराम के आश्रम के पूर्व कर्मचारी चंदोक पर 6 दिसंबर 2009 को अहमदाबाद के रानिप इलाके में चलाई गई थीं।

6)दिनेश भागचंदानी:- आसाराम के निकट सहयोगी रहे दिनेश बागचंदानी पर 16 मार्च 2014 को सूरत में हमलावरों ने तेजाब फेंका था। 

7)विमलेश ठक्कर:- आसाराम की एक साधिका के पति विमलेश ठक्कर भी इस केस में अहम गवाह है। इनकी पत्नी ने नारायण साईं पर उनके जहांगीरपुरा आश्रम में यौन हमले का आरोप लगाया था। विमलेश इस मामले में हमला झेलने वाले पहले गवाह थे। उन पर 28 फरवरी 2014 को सूरत में चाकुओं से हमला किया गया था।  

8) राकेश पटेल:- सूरत में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का कारोबार करने वाले पटेल कई मौकों पर आसाराम और उनके परिवार की तस्वीरें उतारते हैं। पुलिस ने आसाराम बलात्कार मामले में उन्हें गवाह बनाया था। 12 मार्च 2014 को सूरत में उन पर चाकुओं से हमला किया गया था। 
 

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